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कौन बनेगा अफगान राष्ट्रपति

Anwar Jamal Ashraf१ फ़रवरी २०१४

अफगानिस्तान में राष्ट्रपति चुनाव के लिए चुनाव प्रचार शुरू होने के साथ ही इस बात के कयास लगाए जाने लगे हैं कि हामिद करजई की जगह कौन इस मुश्किल देश की बागडोर संभालेगा. देखते हैं कौन से प्रमुख नेता हैं इस दौड़ में.

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Wahlen in Afghanistan
तस्वीर: picture alliance/dpa

अब्दुल्लाह अब्दुल्लाहः तालिबान विरोधी अहमद शाह मसूद के नजदीकी साथी रहे अफगानिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री अब्दुल्लाह अब्दुल्लाह को एक ताकतवर प्रतिद्वंद्वी माना जा रहा है. तालिबान काल से पहले वह बुरहानुद्दीन रब्बानी की सरकार में काम कर चुके हैं.

आंखों के मशहूर डॉक्टर अब्दुल्लाह धाराप्रवाह अंग्रेजी बोलते हैं और दुनयावी मसलों पर अपनी खास समझ रखते हैं. काबुल में उनकी पैदाइश एक पश्तून पिता और ताजिक मां से हुई. तालिबान के पतन के बाद 2001 उन्हें देश का विदेश मंत्री बनाया गया. लेकिन 2006 में उन्हें बर्खास्त कर दिया गया.

पिछले बार के चुनाव में वह दूसरे नंबर पर रहे. 2009 में उन्होंने करीब 30 फीसदी वोट हासिल किया था, जिसमें राष्ट्रपति हामिद करजई में चुनावी धांधली के आरोप लगे थे. अब्दुल्लाह के परिवार में पत्नी के अलावा तीन बेटियां और एक बेटा है.

Afghanistan Wahlplakat 2009
अब्दुल्लाह अब्दुल्लाह 2009 में भी थे उम्मीदवारतस्वीर: picture-alliance/landov

कय्यूम करजईः कंधार में पैदा होने वाले कय्यूम करजई मौजूदा राष्ट्रपति के बड़े भाई हैं. उन्होंने अमेरिका में पढ़ाई की है और पश्तून समुदाय से ताल्लुक रखते हैं. अमेरिका में उनका अफगान रेस्त्रांओं का चेन चलता है. करीब 66 साल के कय्यूम ने कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी से एमए की पढ़ाई की है लेकिन उनमें हामिद जैसे करिश्मे की कमी बताई जाती है.

अशरफ गनीः अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विद्वान की पहचान रखने वाले गनी बेरूत के अमेरिकी यूनिवर्सिटी से पढ़े हुए हैं. उनकी पत्नी रूला भी लेबनानी हैं. उन्होंने न्यूयॉर्क के कोलंबिया यूनिवर्सिटी से पीएचडी भी किया है और अमेरिका के कई कॉलेजों में पढ़ा चुके हैं. 64 साल के गनी वर्ल्ड बैंक के साथ 11 साल तक काम कर चुके हैं. तालिबान के पतन के बाद उन्होंने काबुल में लखदर ब्राहिमी के विशेष दूत के तौर पर काम किया है.

2002-2004 के अंतरिम सरकार में उन्हें वित्त मंत्री बनाया गया था. बाद में वह काबुल यूनिवर्सिटी के चांसलर बने. गुस्सैल स्वभाव के गनी ने पिछला चुनाव लड़ा था और चौथे नंबर पर रहे थे.

जालमई रसूलः मृदुभाषी रसूल राष्ट्रपति करजई के करीबी बताए जाते हैं. 70 साल के डॉक्टर पेरिस के मेडिकल स्कूल में ट्रेनिंग भी देते हैं. पूर्व राजा जहीर शाह के निजी डॉक्टर रह चुके रसूल नागरिक उड्डयन मंत्री रह चुके हैं. बाद में वह राष्ट्रपति करजई के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार भी बने. वह दारी, इंग्लिश, फ्रेंच, इतालवी और अरबी भाषा जबरदस्त तरीके से बोलते हैं.

अय्यूब रब रसूल सय्याफः कबायली नेता सय्याफ करीब 70 साल के हैं और धार्मिक विद्वान माने जाते हैं. लंबी दाढ़ी और पगड़ी उनकी पहचान है. वे सऊदी अरब और इस्लामी कट्टरपंथ से जुड़े लोगों के करीबी बताए जाते हैं. इस वजह से पश्चिमी देशों ने भौंहें टेढ़ी कर रखी हैं. न्यूयॉर्क के 9/11 वाले हमले में उन्हें खालिद शेख मुहम्मद का गुरु बताया गया था.

उन पर अफगानिस्तान और पाकिस्तान में आतंकी ट्रेनिंग कैंप चलाने के आरोप भी हैं. कहा जाता है कि वह अल कायदा के पूर्व प्रमुख ओसामा बिन लादेन के प्रतिद्वंद्वी भी रहे लेकिन 1996 में उसके अफगानिस्तान आने में मदद भी की. करजई से नजदीकी बढ़ाने से पहले वह 1980 के दशक में सोवियत सैनिकों से युद्ध कर चुके हैं.

एजेए/एमजी (एएफपी)