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बाजार को हिलाने वाली कार

१ मार्च २०१४

अपनी जिंदगी में बहुत कुछ करने का ख्वाब देखने वाले एलन मस्क के लिए एक जिंदगी बेहद छोटी है. किस्म किस्म के व्यापार में मस्क पहले ही अपनी कामयाबी का झंडा गाड़ चुके हैं.

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तस्वीर: DW/G.Rueter

एलन मस्क ने पेपाल, स्पेस एक्स और सोलार सिटी जैसे कारोबार की शुरुआत कर उन्हें सातवें आसमान तक पहुंचाया. अब ऐसा लगता है कि वे अपनी नई जोखिम इलेक्ट्रिक कार कंपनी टेसला को उन्हीं बुलंदियों तक पहुंचाना चाहते हैं. सिर्फ 42 साल के मस्क टेसला के मुख्य कार्यकारी हैं. मस्क के पास विचारों का भंडार है, कुछ विचारों को सुनकर लगेगा कि क्या पागलपन है. लेकिन फिर भी वे सफल साबित हुए. हालांकि टेसला उन सफलताओं में शामिल हो पाती है या नहीं यह भविष्य के गर्भ में है.

Elon Musk
टेसला के मुख्य कार्यकारी एलन मस्कतस्वीर: AP

मस्क की सफलताओं ने उन्हें पहले ही अमेरिकी उद्यमियों में हीरो बना दिया है. टेसला ने इस हफ्ते दुनिया की सबसे बड़ी बैटरी फैक्ट्री बनाने की योजना का एलान किया. कंपनी ने करीब 9 लाख 29 हजार वर्ग मीटर में बनने वाली फैक्ट्री को "गिगाफैक्ट्री" का नाम दिया. फैक्ट्री की लागत करीब 5 अरब डॉलर आएगी. यहां लिथियम आयन बैटरी बनाई जाएंगी, जो कंपनी की इलेक्ट्रिक कार लाइन के लिए होंगी.

लेकिन मस्क का अंतिम लक्ष्य ऐसी कार बनाना है जो जनता के लिए बेहद सस्ती हो. एक इंटरव्यू में मस्क ने कहा था कि वह कुछ ऐसा करना चाहते हैं जो मानवता के भविष्य के लिए अलग हो. उनके मुताबिक टेसला की कारें "टिकाऊ परिवहन के लिए उत्प्रेरक" हो सकती हैं. दक्षिण अफ्रीका में जन्मे मस्क ने यूनिवर्सिटी ऑफ पेनसिल्वेनिया से भौतिकी और अर्थशास्त्र की पढ़ाई की. पढ़ाई के बाद वे सिलिकन वैली गए जहां पर उन्होंने इंटरनेट कंपनी जिप2 और पेपाल की शुरुआत की. बाद में कंपनी को बेचकर उन्होंने लाखों डॉलर का मुनाफा कमाया. मस्क ने मुनाफे से अपने बड़े आइडिया पर काम शुरू किया. उन्होंने मंगल ग्रह पर जिंदगी का सपना देखा और स्पेस एक्स नाम की कंपनी शुरू की. मस्क और उनकी टीम ने ड्रैगन स्पेसशिप का विकास किया. नासा ने इस स्पेसशिप को अंतरिक्ष में कार्गो भेजने के लिए मंजूरी दी है. धरती पर मस्क परिवहन के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव करने की दिशा में लगे हुए हैं.

Elektroauto Tesla Model S
बिजली से चलने वाली टेसला की मॉडल एसतस्वीर: picture alliance/landov

स्पेस एक्स के शुरू होने के दो साल बाद 2004 में टेसला का जन्म हुआ. लेकिन कंपनी के संस्थापकों में झगड़ा हो गया और कंपनी का उत्पादन शुरू नहीं हो पाया. इतना सब कुछ होने के बाद टेसला की किस्मत में और भी संघर्ष लिखा था. उसी दौरान अमेरिका में आर्थिक मंदी आई. कंपनी को जिंदा रखने के लिए मस्क ने अपने करीब करीब पूरे पैसे लगा दिए.

तमाम मुसीबतों के बावजूद टेसला की पहली कार का उत्पादन हुआ. रोडस्टर नाम की कार ने आलोचकों के होश उड़ा दिए. टू सीटर और तेज चलने वाली रोडस्टर ने उस धारणा को तोड़ दिया कि इलेक्ट्रिक कारें बोरिंग होती हैं. 2008 में रोडस्टर का उत्पादन ब्रिटिश स्पोर्ट्स कार बनाने वाली कंपनी के साथ मिलकर हुआ था. 2012 में टेसला ने एस मॉडल के साथ अपना उत्पादन शुरू किया. टेसला की कामयाबी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसने एक के बाद एक कई अवॉर्ड जीते. साल 2012 में दुनिया भर में टेसला ने 22,500 कारें बेची. 2020 में मस्क का लक्ष्य पांच लाख कार बेचने का है. अब योजना ऐसी कार बनाने की है जिसका उत्पादन बड़े पैमाने पर किया जा सके. लेकिन इसकी सफलता सस्ती बैटरी है. मस्क की निजी संपत्ति 12 अरब डॉलर है, जो उन्हें दुनिया के सबसे अमीर लोगों की सूची में 92वें स्थान पर रखती है.

एए/एजेए (डीपीए)