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नहीं हटाएंगे सैनिकः रूस

३ मार्च २०१४

रूस ने कहा है कि वह यूक्रेन के साथ युद्ध नहीं चाहता है लेकिन पश्चिमी देशों ने सोची में होने वाले जी8 देशों के सम्मेलन की तैयारी रोक दी है. उधर रूस ने कहा है कि वह अपने सैनिक क्रीमिया से नहीं हटाएगा.

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Russischer Soldat in Simferopol
तस्वीर: Reuters

शनिवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को रूसी संसद के ऊपरी सदन से यूक्रेन में सेना भेजने की अनुमति मिल गई. पिछले दिनों यूक्रेन के स्वायत्त इलाके क्रीमिया पर भी विवाद बना रहा. क्रीमिया के सेवास्तोपोल में रूसी नौसैनिक बेड़ा तैनात है और यूक्रेनी राष्ट्रपति विक्टर यानुकोविच को अपदस्थ किए जाने के बाद से इलाके को लेकर तनाव बना हुआ है.

युद्ध के आसार नहीं

राष्ट्रीय टेलिविजन पर क्रीमिया में रूसी सैनिकों की उपस्थिति के बारे में बात कर रहे रूसी उप विदेश मंत्री ग्रिगोरी कारासिन ने कहा, "रूस यूक्रेन के साथ युद्ध नहीं चाहता. मुझे इस बात का पक्का विश्वास है. हम यूक्रेन के साथ अपने संबंधों पर बातचीत करते वक्त ऐसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं करना चाहते. हमें लगता है कि इस फैसले से बहुत लोगों को पता चलेगा कि रूसी संघ के इरादे गंभीर हैं." कारासिन ने जी8 देशों की आलोचना करते हुए कहा कि उन्हें इस सिलसिले में और समझ दिखानी चाहिए.

Russland Ukraine Soldaten
तस्वीर: Sean Gallup/Getty Images

रूस के ऊपरी सदन की अध्यक्ष वालेंतीना मात्वियेंको ने भी युद्ध की आशंका से इनकार किया है. उन्होंने कहा कि रूस और यूक्रेन के बीच लड़ाई नहीं हो सकती. उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि कीव में जिनका दिमाग गर्म हो रहा है, उन्हें अपने को थोड़ा ठंडा कर लेना चाहिए. उन्हें समझना चाहिए कि अपने कामों के जरिए वह यूक्रेन के पूर्वी हिस्से और क्रीमिया में अलगाववाद को बढ़ावा दे रहे हैं."

पश्चिमी देश नाराज

इस बीच पश्चिमी देश क्रीमिया में रूसी सैन्य उपस्थिति का जवाब देने की तैयारी कर रहे हैं. उन्होंने चेतावनी दी है कि मॉस्को को वित्तीय और कूटनीतिक प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है और यूरोप अपनी सरहदों पर भी अपनी सैन्य ताकत कड़ी करेगा. व्हाइट हाउस ने एक बयान में कहा है कि जी7 देश आने वाले शिखर सम्मेलन के लिए तैयारियों को रोक रहे हैं क्योंकि यूक्रेन में रूस की कार्रवाई जी7 और जी8 समूह के देशों के मूल्यों और सिद्धांतों के खिलाफ है.

दुनिया के सात प्रमुख औद्योगिक देशों ने यूक्रेन में रूसी कार्रवाई की कड़ी निंदा की है. एक साझा बयान में उन्होंने यूक्रेन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अक्षुण्णता के साफ हनन की निंदा की. जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल ने रविवार को रूसी और अमेरिकी राष्ट्रपति से बात की. संकट के समाधान के लिए एक संपर्क दल बनाने पर सहमति होती लगती है.

चांसलर मैर्केल के प्रवक्ता के अनुसार मैर्केल ने पुतिन पर क्रीमिया पर हमले के जरिए अंतरराष्ट्रीय कानून तोड़ने का आरोप लगाया है. उन्होंने पुतिन से एक बार फिर यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करने की मांग की है. प्रवक्ता ने कहा कि पुतिन ने राजनीतिक संवाद शुरू करने के लिए एक संपर्क दल बनाने का मैर्केल का सुझाव मान लिया है.

विश्लेषकों का मानना है कि यूक्रेन संकट अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के लिए एक चुनौती बन सकता है. पिछले सालों में उन्होंने अपनी सुरक्षा नीति यूरोप की जगह पूर्वी एशिया में केंद्रित की है. अब हो सकता है कि उन्हें रूस को अपनी सीमा में रखने के लिए दोबारा यूरोप में सेना तैनात करनी पड़े. रूस और पश्चिमी देशों के बीच यूक्रेन को लेकर मतभेद का असर सीरिया और ईरान पर भी पड़ सकता है. दोनों देशों के साथ विवाद सुलझाने में रूस की बड़ी भूमिका रही है.

Proteste gegen Russland auf dem Maidan 02.03.2014
तस्वीर: DW/L. Grischko

जॉन केरी जाएंगे कीव

बहरहाल ऐसा तो नहीं लग रहा कि रूस को पश्चिमी देशों की धमकियों से कोई फर्क पड़ रहा है. क्रीमिया के एक यूक्रेनी सैन्य शिविर के आसपास रूसी सैनिकों ने घेरा बना लिया है. कीव में प्रधानमंत्री आर्सेनी यात्सेनयुक ने कहा है कि उनका देश "संकट की कगार पर है." ओबामा प्रशासन के अधिकारियों का मानना है कि रूस ने पूरे क्रीमिया पर नियंत्रण कर लिया है और इलाके में 6,000 से ज्यादा रूसी सैनिक तैनात हैं. अमेरिका यूक्रेन के उन हिस्सों पर भी नजर रखे है जहां रूसी बोलने वाले लोगों की जनसंख्या अधिक है.

अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी ने इस बीच कहा है कि वह और विश्व नेताओं से बात कर चुके हैं और सब रूस को इस आक्रमण को लेकर अलग थलग करना चाहते हैं. रविवार को अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा ने जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल, ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन और पोलैंड के राष्ट्रपति ब्रोनिस्लाव कोमोरोव्स्की से बात की. मंगलवार को अमेरिकी विदेश मंत्री यूक्रेनी सरकार के प्रतिनिधियों साथ बातचीत के लिए कीव जा रहे हैं.

एमजी/एमजे (एएफपी,एपी)

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