1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

10 साल में गईं हजारों जानें

३ मार्च २०१४

दो दशकों से जारी गृह युद्द में अफगानिस्तान जान और माल दोनों की भारी तबाही झेल रहा है. नए सरकारी आंकड़ों के अनुसार पिछले दस साल में 13700, हर दिन करीब चार सुरक्षाकर्मियों की मौत हुई है.

https://p.dw.com/p/1BIj1
तस्वीर: Reza/webistan.com

पीड़ितों के परिवारों को दिए जाने वाले सरकारी मुआवजे के आंकड़े जारी होने पर पाया गया कि बीते दस साल में अफगानिस्तान में तालिबान के खिलाफ जारी लड़ाई में 13700 से ज्यादा अफगान सुरक्षाकर्मी मारे गए. यह संख्या प्रशासनिक मामलों के कार्यालय ने जारी की. अफगानिस्तान के खराब हालात के बीच सरकार ऐसे आंकड़े जल्दी आम नहीं करती जिनसे लोगों का मनोबल गिर जाए.

असल संख्या इससे ज्यादा

कार्यालय के अनुसार पिछले दस साल में मरने वाले सुरक्षाकर्मियों के 13729 परिवारों को आर्थिक मदद पहुंचाई गई और बुरी तरह जख्मी हुए 16511 सुरक्षाकर्मियों के परिवारों को मुआवजा दिया गया. प्रशासनिक मामलों के कार्यालय में सार्वजनिक मामलों के निदेशक सैयद जवाद जावेद ने बताया, "हर वह परिवार जिसे मदद दी गई है, किसी न किसी शहीद का परिवार है."

उन्होंने बताया कि हादसों में प्रभावित हुए कुल सुरक्षाकर्मियों की सटीक संख्या बताना मुश्किल है. वह संख्या हमारे पास नहीं है. उन्होंने आगे कहा, "ये उन शहीदों की संख्या है जिनके परिवार को सरकार से मदद मिली. ऐसा ही घायल हुए सुरक्षाकर्मियों के मामले में भी है."

प्रशासनिक मामलों के कार्यालय के अनुसार पिछले दस सालों से देश में जारी गृह युद्ध के दौरान परिवार के उन सदस्यों को खोने के लिए भी 12336 परिवारों को मुआवजे की राशि दी गई, जो सेना में भर्ती नहीं थे. लेकिन संघर्ष में जान गंवाने वाले नागरिकों की असल संख्या इससे कहीं अधिक होने की संभावना है.

पिछले हफ्ते जारी हुई संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार पिछले सिर्फ पांच सालों में ही देश में 14064 नागरिक मारे गए हैं. संयुक्त राष्ट्र के अनुसार इन मौतों के लिए तालिबान के नेतृत्व में काम कर रहे सरकार विरोधी तत्व जिम्मेदार हैं.

2014 के बाद

बीते कुछ सालों में अफगान सुरक्षाकर्मियों में मरने वालों की संख्या बढ़ी है. 2014 के अंत में अमेरिकी और नाटो सेनाएं अफगानिस्तान से वापसी की तैयारी कर रही हैं और देश की सुरक्षा की जिम्मेदारी धीरे धीरे पूरी तरह अफगान सैनिकों के हाथ में सरकती जा रही है. इस बीच तालिबान के साथ संघर्ष में घायल हुए सुरक्षाकर्मियों की भी संख्या बड़ी है. अमेरिकी अधिकारियों के अनुसार पिछले साल संघर्ष के महीनों में लगभग हर महीने करीब 400 सुरक्षाकर्मी मारे गए.

दिसंबर तक अमेरिका के नेतृत्व वाले 55000 सैन्य दस्ते अफगानिस्तान से वापसी की तैयारी में हैं. हालांकि सेना का छोटा टुकड़ा अफगान सैनिकों के प्रशिक्षण और आतंकवाद निरोधी कार्यवाही के लिए आगे 2015 तक के लिए भी छोड़ा जा सकता है. लेकिन अमेरिका के साथ द्विपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर न करने पर राष्ट्पति बराक ओबामा ने अफगानिस्तान को चेतावनी दी है कि अगर यह समझौता नहीं होता है तो वह एक भी सैनिक अफगानिस्तान में नहीं छोड़ेंगे. अफगानिस्तान के राष्ट्रपति हामिद करजई का कहना है कि इसका फैसला आने वाला नया राष्ट्रपति करेगा.

एक हफ्ते पहले अफगानिस्तान के पूर्वी प्रांत कुनार में हुए एक हमले में 21 सुरक्षाकर्मी मारे गए. देश के प्रशासनिक कार्यालय का कहना है, "शहीद और जख्मी होने वाले अफगान सैनिकों और नागरिकों का समर्थन करना सरकार की धार्मिक, राष्ट्रीय और आधिकारिक जिम्मेदारी है"

एसएफ/एएम (एएफपी)