अपराध से पहले पकड़ाएंगे अपराधी
६ मार्च २०१४जर्मनी में उल्म यूनिवर्सिटी के रिसर्चर इस पर काम कर रहे हैं. उन्होंने गणितीय आंकड़े जमा किए हैं, जिससे इस बात का पता लग सकता है कि कहां अपराध होने का अंदेशा है. यूनिवर्सिटी में गणितीय विद्या पर काम करने वाले एवगेनी स्पोदारेव का कहना है, "हो सकता है कि आप इस दिशा में और काम कर सकते हैं, पर ऐसा नहीं हो सकता है कि आप साजिश रचने वाले के बारे में पता लगा लें. यह आंकड़ों से संभव नहीं. आंकड़ों से सिर्फ पता चलता है कि वहां कौन रह रहे हैं और इस तरह अनुमान लगाना आसान हो जाता है."
यानी फिल्मों की कहानी तक पहुंचना अभी बाकी है. नहीं तो माइनोरिटी रिपोर्ट फिल्म में तो टॉम क्रूज ऐन मौके पर अपराध की जगह पहुंच जाते हैं. इधर चाकू से भरा हाथ उठता है, उधर टॉम क्रूज की घूंसा चलता है. अपराधी के अरमान उसके दिल में ही रह जाते हैं और वह जेल के पीछे पहुंच जाता है.
हालांकि साइंस अभी यहां तक नहीं पहुंचा है. रिसर्चरों ने लूट और चोरी जैसे बड़े अपराधों पर ही ध्यान दिया है. कंप्यूटर से चौंकाने वाले आंकड़े मिल रहे हैं. दक्षिणी जर्मन प्रांत बवेरिया की राजधानी म्यूनिख का एक इलाका पुलिस के लिए जरा मुश्किल साबित होता है. इसकी खास मैपिंग की गई है. स्पोदारेव का कहना है, "इस मैप में हम बारीकी से आंकड़ों को छांट सकते हैं. हमें तो यह भी पता चल रहा है कि यहां अगले हफ्ते लूट की एक घटना हो सकती है."
आम तौर पर वीडियो कैमरे लगाए जाते हैं, जहां दुर्घटनाओं के फुटेज जमा होते हैं और जांच में मदद मिलती है. लेकिन भविष्य में ऐसे उपकरण तैयार किए जा रहे हैं, जो संदिग्ध हालात में खतरे की ओर इशारा कर देते हैं. जर्मनी के ऑग्सबुर्ग यूनिवर्सिटी में ऐसे कैमरे तैयार कर रहे यॉर्ग हेनर कहते हैं, "ऐसे सिस्टम के जरिए आप लोगों के दिमाग में झांक कर नहीं देख सकते हैं. ये कोई करना भी नहीं चाहता और होना भी नहीं चाहिए. इसका मकसद संकेतों को पहचानना और सुरक्षाकर्मियों का ध्यान सीधे उन परिस्थितियों की ओर खींचना है."
तो हो सकता है कि आने वाले दिनों में तकनीक वहां तक पहुंच जाए, जहां टॉम क्रूज भी नहीं पहुंच पाए हैं. यानि अपराध से पहले इसका पता चल जाया करे. लेकिन एक परेशानी बाकी है. अगर यह सब जांच रहे शख्स को पता चले कि वह खुद इस अपराध में शामिल है, फिर क्या होगा.
एजेए/एएम