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'रूस की गैस से जर्मनी मजबूर'

१० मार्च २०१४

पोलैंड के प्रधानमंत्री ने कहा है कि गैस के लिए जर्मनी की रूस पर निर्भरता पूरे यूरोप को प्रभावित कर सकती है. वहीं अमेरिका को लगता है कि यूक्रेन में चल रहे राजनैतिक संकट पर कड़ा कदम उठाने में जर्मनी को हिचकना नहीं चाहिए.

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Symbolbild Russland Ukraine Gaslieferung
तस्वीर: picture-alliance/dpa

जर्मनी की चांसलर अंगेला मैर्केल के वारसा दौरे के पहले पोलैंड के प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क ने टिप्पणी की है, "मुझे इस बात में कोई शक नहीं है कि रूस की गैस पर जर्मनी की निर्भरता से यूरोपीय संप्रभुता काफी हद तक सीमित हो सकती है." मैर्केल को बुधवार को वारसा जाना है. करीब तीन महीनों से यूक्रेन में चल रहे सरकार विरोधी प्रदर्शनों के बाद अब देश को पश्चिमी देशों के समर्थन की सख्त जरूरत है.

ऊर्जा सप्लाई के मामले में रूस यूरोप का सबसे बड़ा पार्टनर है. रूस से यूरोप को आने वाली प्राकृतिक गैस की पाइप लाइन यूक्रेन से होकर आती है. गैस का इस्तेमाल कुछ हद तक यूक्रेन भी करता है बाकी गैस जर्मनी पहुंचती है. b#

यूक्रेन सरकार के मुताबिक पिछले हफ्ते रूस के हथियारबंद सैनिक क्रीमिया प्रांत के कुछ इलाकों में घुस आए. बढ़ते तनाव के बीच अमेरिका ने रूस को यूक्रेन में सैन्य दखल न देने की चेतावनी दी है. वहीं रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बातचीत का विकल्प खुला रखने की बात तो की है लेकिन यह भी साफ किया की क्रीमिया के लोग चाहे तो वो रूस के साथ आ सकते हैं. क्रीमिया के रूस में विलय के फैसले पर 16 मार्च को जनमत संग्रह होना है. यूक्रेन की अंतरिम गठबंधन सरकार का कहना है कि क्रीमिय हर कीमत पर उनके देश का अंग बना रहेगा.

करीब 4.6 करोड़ की आबादी वाले देश यूक्रेन में सांस्कृतिक रूप से बहुत अलग अलग लोग रहते है. कीव में मौजूद यूरोप के समर्थन वाला गुट महीनों चले विरोध प्रदर्शनों के बाद ज्यादा कुछ हासिल नहीं कर पाया. वहीं रूसी मूल के लोगों की बहुलता वाले क्रीमिया प्रांत में लोगों ने खुद को राजधानी कीव से आजाद घोषित कर दिया. जनमत संग्रह इसी दिशा में अगला कदम है.

क्रीमिया पर तेज होती तकरार के बीच जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल ने रविवार को रूसी राष्ट्रपति से कहा कि क्रीमिया पर जनमत संग्रह "गैरकानूनी" है. लेकिन रूस पर प्रतिबंध लगाने को लेकर जर्मनी असमंजस में दिख रहा है. यूरोप की सबसे मजबूत अर्थव्यवस्था वाला देश जर्मनी अपने कुल तेल और गैस का करीब एक तिहाई रूस से खरीदता है. इसके अलावा मॉस्को और बर्लिन के व्यापार और निवेश के बहुत गहरे संबध हैं. जर्मनी ने यूक्रेन के मुद्दे पर रूस और पश्चिमी देशों के बीच तनाव को कम करने की कोशिश की. लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि रूस के साथ अपने व्यापारिक संबध खराब न करने की कोशिश के चलते जर्मनी ने बहुत कड़ाई नहीं बरती.

Gas Pipeline Ukraine
यूक्रेन से होकर आती है यूरोप को आने वाली रूसी गैस पाइप लाइनतस्वीर: imago/ITAR-TASS

पोलैंड के प्रधानमंत्री टस्क कहते हैं, "यूक्रेन का मुद्दा यूरोपीय संघ के भविष्य की रक्षा का मुद्दा भी है." टस्क ने कहा कि 28 सदस्य देशों वाले ईयू को अपनी ऊर्जा नीति पर दोबारा विचार करने की जरूरत है. टस्क ने आगे कहा, "मैं मैर्केल से बहुत साफ साफ बात करूंगा, यह साफ कर दूंगा कि मौजूदा जलवायु और प्राकृतिक गैस से जुड़ी नीतियां पूरे यूरोप की सुरक्षा और संप्रभुता के लिए खतरा बन रही हैं." टस्क ने बताया कि रूस पर निर्भरता की बात सिर्फ जर्मनी ही नहीं बल्कि और भी देशों पर लागू होती है. लेकिन बीते कुछ सालों में जर्मनी पर इसका सीधा असर दिखाई दिया है.

अमेरिका का मानना है कि रूस की गैस सप्लाई रोक देने की धमकियों से परेशान होने की कोई जरूरत नहीं. उसका मानना है कि यूक्रेन के पास पर्याप्त गैस भंडार हैं. अमेरिका यूक्रेन की अंतरिम सरकार का समर्थन और क्रीमिया में रूसी कब्जे की कोशिशों का विरोध कर रहा है. वॉशिंगटन ने कहा है कि गैस पर रोक लगाने का कोई भी कदम मॉस्को को भी उतना ही नुकसान पहुंचाएगा जितना कीव को.

आरआर/ओएसजे (रॉयटर्स, एएफपी)