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गलत निकली स्टेम सेल रिसर्च

११ मार्च २०१४

इस रिसर्च को स्टेम सेल के क्षेत्र में क्रांति के रूप में देखा जा रहा था. उम्मीद की जा रही थी कि इसकी मदद से लैब में अंग उगाए जा सकेंगे जिनका ट्रांसप्लांट के लिए इस्तेमाल किया जा सकेगा. लेकिन अब इस पर सवाल खड़े हो गए हैं.

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तस्वीर: picture-alliance/dpa

जापान और अमेरिका के वैज्ञानिकों ने मिल कर स्टेम सेल्स पर जो शोध किया था उसमें अब गलतियां सामने आ रही हैं. इन्हें देखते हुए ये वैज्ञानिक खुद ही अपना शोध पत्र वापस लेने पर विचार कर रहे हैं. जापान की यामानाशी यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर तेरुहीको वाकायामा ने स्थानीय मीडिया को बताया कि उनका ख्याल है कि जब तक शोध में दिए गए आंकड़ों की पुष्टि नहीं हो जाती, तब तक शोध को विश्वसनीय नहीं माना जा सकता. उन्होंने कहा, "हमारे शोध का जो आधार है उसी के एक हिस्से में बड़ी गलती हुई है. इसलिए बेहतर है कि अभी इसे वापस ले लिया जाए, बजाए इसके कि लोग इसकी आलोचना करते रहें." उन्होंने कहा कि गलती ठीक करने के बाद वे शोध को दोबारा प्रस्तुत करना चाहेंगे.

इसी साल जनवरी में जब ब्रिटेन की साइंस पत्रिका नेचर में यह शोध प्रकाशित हुआ तो इसने पूरे विज्ञान जगत का ध्यान अपनी ओर खींचा. रिसर्च में चूहों पर किए गए प्रयोग में पाया गया था कि जब उनकी श्वेत रक्त कोशिकाओं को तीस मिनट तक एसिड में भिगो कर रखा गया तो उनमें कुछ इस तरह के परिवर्तन हुए कि उनसे चूहों के शरीर के किसी भी अंग की कोशिकाएं बनाई जा सकती थीं.

इसके प्रमाण के तहत कई तस्वीरें भी पेश की गयी. लेकिन अब कहा जा रहा है कि ये तसवीरें फर्जी हैं. एक महीने पहले रिसर्च को ले कर सवाल उठने शुरू हुए और जांच शुरू कराई गयी. नेचर पत्रिका ने कहा है कि वह भी एक अलग जांच करेगी. ईमेल द्वारा दिए गए एक बयान में नेचर ने लिखा है, "इस शोध पत्र को ले कर जो मुद्दे खड़े हो रहे हैं, वे हमारे सामने रखे गए हैं और हमने जांच शुरू करा दी है. इससे ज्यादा हम इस बारे में कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते."

हालांकि शोध करने वाले अन्य वैज्ञानिकों ने इसका खंडन किया है और कहा है कि अगर कोई गलती है भी तो वह इतनी महत्वपूर्ण नहीं है और इसे इतना बढ़ा चढ़ा कर नहीं दिखाना चाहिए.

आईबी/एएम (डीपीए, एएफपी)