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तुर्की में हिंसक झड़पें

१२ मार्च २०१४

तुर्की की राजधानी अंकारा में बुधवार को प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़पें हुईं. पिछले साल सरकार विरोधी प्रदर्शन में घायल हुए किशोर की मौत के बाद हजारों लोग अंतिम यात्रा में शामिल हुए और सरकार के इस्तीफे की मांग की.

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तस्वीर: Reuters

इस्तांबुल में 15 वर्षीय बर्किन एल्वान की अंतिम यात्रा में शामिल हजारों लोगों ने सरकार विरोधी नारे लगाए. कब्रिस्तान की तरफ जाते हुए लोगों ने आगजनी भी की. वहीं राजधानी अंकारा में दंगा विरोधी पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए आंसू गैस और पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया. 9 महीने तक कोमा में रहने के बाद बर्किन एल्वान की मंगलवार को मौत हो गई. पिछले साल जून में तुर्की के प्रधानमंत्री रेचेप तय्यप एर्दोआन के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन के दौरान एल्वान घायल हुआ था. एल्वान रोटी खरीदने के लिए अपने घर से निकला था और उसी दौरान उसे आंसू गैस का गोला जा लगा. इस्तांबुल में प्रदर्शनकारियों ने, "बर्किन की कातिल एकेपी पुलिस" के नारे लगाए.

Türkei Proteste nach Tod von Berkin Elvan
एल्वान की 9 महीने तक कोमा में रहने के बाद मौततस्वीर: Reuters

उनका इशारा एर्दोआन की सत्ताधारी न्याय और विकास पार्टी (एकेपी) की तरफ था. मंगलवार को तुर्की के 32 शहरों में लोग सड़कों पर उतर आए और पुलिस के साथ झड़प में शामिल हो गए. इस दिन इस्तांबुल और अंकारा में सबसे ज्यादा हिंसक प्रदर्शन हुए.

प्रधानमंत्री के खिलाफ रोष

चुनाव के पहले लोगों में गुस्सा एर्दोआन पर दबाव बढ़ा सकता है. एर्दोआन की सरकार भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरी हुई है. एल्वान प्रदर्शनकारियों के खिलाफ पुलिस सख्ती का प्रतीक बन गया. एर्दोआन ने एलान किया है कि अगर उनकी पार्टी स्थानीय चुनावों में हार जाती है तो वह कुर्सी छोड़ देंगे. 2002 से एकेपी सत्ता में है. पिछले साल की अशांति और भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के बीच 30 मार्च को होने वाले चुनाव को उनकी लोकप्रियता की अहम परीक्षा माना जा रहा है. सरकारी प्रवक्ता बुलेंत एरंच ने कहा एल्वान की मौत के बाद से ही तुर्की शोक में डूबा हुआ है. एरंच के मुताबिक, "यह बहुत ही दुख की बात है कि सड़क पर हुई घटना में एक बच्चे की मौत हो गई."

स्थानीय मीडिया के मुताबिक मंगलवार की झड़पों के बाद करीब 20 प्रदर्शनकारी घायल हुए हैं और 150 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. तुर्की के राष्ट्रपति अब्दुल्लाह गुल ने भी शोक जाहिर करते हुए लोगों से शांति की अपील की है. पिछले साल जून में इस्तांबुल के गेजी पार्क को बचाने के लिए शुरू हुआ आंदोलन धीरे धीरे राष्ट्रीयव्यापी आंदोलन बन गया था. करीब ढाई करोड़ लोग एर्दोआन के इस्तीफे की मांग को लेकर सड़कों पर उतर आए थे. इस दौरान करीब आठ हजार लोग घायल हुए थे. एल्वान की मां गुलसुम एल्वान ने अपने बेटे की मौत के लिए प्रधानमंत्री को जिम्मेदार ठहराया. मंगलवार को नम आंखों से गुलसुम ने पत्रकारों से कहा था, "मुझसे बेटा ईश्वर ने नहीं बल्कि एर्दोआन ने छीना है."

एए/एएम (एएफपी, एपी)