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जर्मनी ने लौटाई लूटी हुई पेंटिंग

२ अप्रैल २०१४

नाजी काल में यहूदियों को जनसंहार से पहले भी कई त्रासदियों को सामना करना पड़ा. उन्हें न केवल अपना घर बार और कारोबार छोड़ना पड़ा, बल्कि कई बेशकीमती चीजों को भी नाजियों के हवाले कर देना पड़ा.

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Gemälde (Ausschnitt) Palasttreppe Francesco Guardi
तस्वीर: picture-alliance/dpa

उस समय हुई लूटपाट में कई पुरानी मशहूर पेंटिंग भी शामिल हैं. इनमें से एक है 18वीं सदी की 'पैलेस स्टेयर्स', जिसे आडोल्फ हिटलर के निजी संग्रह में रखने के लिए लूटा गया था. अब इसे पोलैंड को लौटा दिया गया है. जर्मनी उम्मीद कर रहा है कि इसके जरिए वह पोलैंड से उन दस्तावेजों की फिर से मांग कर सकेगा जिस पर उसकी लंबे समय से नजर है.

दरअसल 'पैलेस स्टेयर्स' नाम की पेंटिंग को 1939 में वॉरसा के नेशनल म्यूजियम से लूटा गया था. इसे इटली के कलाकार फ्रांसेस्को गुआर्डी ने रचा था. पेंटिंग में वेनिस के डोज पैलेस की सीढ़ियों का दृश्य है, जहां कई लोग खड़े हो कर बातें कर रहे हैं.

लंबे समय तक इस पेंटिंग को जर्मनी के संग्रहालयों में रखा गया. पहले बाडेन वुर्टेमबर्ग के स्टेट म्यूजियम में और फिर हाइडलबर्ग यूनिवर्सिटी में. 1990 के दशक में जा कर जर्मनी ने इस बात को स्वीकारा की पेंटिंग पोलैंड की ही संपत्ति है. दोनों देशों के बीच मतभेदों के कारण अब तक इसे लौटाया नहीं गया था.

बर्लिन में पेंटिंग को सौंपते हुए जर्मनी के विदेश मंत्री फ्रांक वाल्टर श्टाइनमायर ने कहा, "इस पेंटिंग ने एक बहुत लंबा सफर तय किया है. यह उस मुश्किल अतीत को दर्शाती है जो इन दोनों देशों को एक दूसरे से जोड़ता है." उन्होंने कहा कि इससे दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक संवाद शुरू हो सकता है.

जर्मनी वॉरसा से तीन लाख किताबों, कृतियों और पांडुलिपियों के लौटाए जाने की उम्मीद कर रहा है. इसे बेरलिंका कलेक्शन का नाम दिया गया है, जो इस वक्त वॉरसा की याग्येलोनियन यूनिवर्सिटी में है. इनमें मोत्सार्ट, बेथोफेन और बाख जैसी मशहूर हस्तियों का लिखा संगीत भी शामिल है.

इसके बदले में पोलैंड भी दूसरे विश्व युद्ध के दौरान लूटी गयी लाखों पेंटिंग वापस लेना चाहता है. हालांकि अधिकतर नाजी काल में ही युद्ध के दौरान नष्ट हो गयी थीं.

आईबी/एमजे (डीपीए, एएफपी)