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बाल बाल बचे मुशर्रफ

३ अप्रैल २०१४

देशद्रोह का आरोप झेल रहे पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ एक हमले में बाल बाल बच गए. पुलिस के मुताबिक यह मुशर्रफ पर लक्षित रोड साइड बम था.

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तस्वीर: picture-alliance/dpa

पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति और सेना प्रमुख रहे मुशर्रफ का काफिला गुजरने के ठीक पहले गुरुवार सुबह यह सड़क पर एक बम फटा. पाकिस्तान में दो शहरों की सीमा को छूते फैजाबाद इंटरचेंज के पास का फुटपाथ पूरी तरह नष्ट हो गया. वरिष्ठ पुलिस अधिकारी लियाकत नियाजी ने बताया, "पुल के नीचे की पाइपलाइन में लगभग चार किलोग्राम विस्फोटक रखे गए थे, जो पूर्व राष्ट्रपति के वहां से गुजरने के करीब 20 मिनट पहले फट गए." विस्फोट में कोई भी घायल नहीं हुआ है.

पुलिस का मानना है कि इस बम का निशाना मुशर्रफ ही थे. गुरूवार सुबह वह रावलपिंडी के सेना अस्पताल से निकल कर इस्लामाबाद के बाहरी इलाके में अपने घर जाने वाले थे. मुशर्रफ इस साल जनवरी से ही सेना अस्पताल में थे. इसके पहले भी दिसंबर 2003 में मुशर्रफ पर एक बड़ा जानलेवा हमला हो चुका है. उस बार रावलपिंडी में एक पुल से मुशर्रफ के काफिले के गुजरने के कुछ मिनट बाद एक शक्तिशाली बम फटा था. लेकिन उस घटना के कुछ ही दिन बाद उन पर दो आत्मघाती हमले हुए, जिसमें मुशर्रफ तो बच गए लेकिन 16 लोगों की जान चली गई.

तालिबान की ओर से मुशर्रफ को मिल रही जान की धमकियों की वजह से ही वह देशद्रोह के मुकदमे की सुनवाई के लिए भी सिर्फ दो बार ही अदालत जा सके. जनवरी में सेना अस्पताल में भर्ती होने से पहले मुशर्रफ के बंगले के आस पास कई छुपे हुए बम मिले थे.

अंतिम फैसला नहीं

सोमवार को पाकिस्तान की एक विशेष अदालत ने मुशर्रफ पर देशद्रोह के आरोप तय कर दिए हैं. मुशर्रफ पर 2007 में राष्ट्रपति रहते हुए असंवैधानिक तरीके से देश में आपातकाल लागू करने करने का आरोप था. 2001 से 2008 तक राष्ट्रपति रहे मुशर्रफ पाकिस्तान के इतिहास में सबसे लंबे समय तक इस पद पर रहने वाले नेता हैं. पाकिस्तान इस दौरान उनकी मुट्ठी में रहा, लेकिन पद से हटते ही उनकी मुश्किलें शुरू हो गईं.

देशद्रोह का दोषी पाए जाने पर मौत तक की सजा हो सकती है. लेकिन कई विशेषज्ञों को नहीं लगता कि सरकार इस मामले की सुनवाई पूरी होने देगी. उनका मानना है कि अंतिम फैसला आने से पहले ही सेना कोई कदम उठाएगी. मुशर्रफ ने अपनी बीमार मां को देखने के लिए संयुक्त अरब अमीरात जाने की अनुमति मांगी थी. लेकिन बुधवार को ही सरकार ने उन्हें देश से बाहर जाने देने पर लगी रोक को बरकरार रखते हुए मुशर्रफ की इस याचिका को खारिज कर दिया.

आरआर/एएम (एएफपी, एपी)