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डोनेस्क में जनमत संग्रह

८ अप्रैल २०१४

रूस ने क्रीमिया के बाद यूक्रेन के डोनेस्क में भी जनमत संग्रह का एलान किया है. कीव से आजादी की घोषणा के साथ ही रूस समर्थकों ने कहा कि लोग 11 मई को इलाके का भविष्य तय करेंगे. अमेरिकी विदेश मंत्री ने रूस को चेतावनी दी है.

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तस्वीर: picture-alliance/dpa

पूर्वी यूक्रेन के तीन बड़े शहरों में रूस समर्थकों के नियंत्रण से खड़े हुए ताजा संकट के बीच अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी ने रूसी विदेश मंत्री सेर्गेई लावरोव को फोन किया. केरी ने रूसी विदेश मंत्री से साफ शब्दों में कहा कि पूर्वी यूक्रेन में रूस समर्थकों की हरकतें अस्वीकार्य हैं. उन्होंने कहा कि यूक्रेन को किसी भी तरह से अस्थिर करने की कोशिश की रूस को कीमत चुकानी होगी.

केरी आने वाले दिनों में यूक्रेन और यूरोपीय संघ के नेताओं से मुलाकात करेंगे. अमेरिकी और रूसी विदेश मंत्री ने तय किया है कि वो 10 दिन के भीतर बातचीत कर हल निकालने की कोशिश करेंगे.

यूक्रेन ने डोनेस्क, खारकीव और लुहांस्क में सेना भेजना शुरू कर दिया है. इन तीन शहरों की मुख्य सरकारी इमारतें रूस समर्थकों के नियंत्रण में हैं. प्रदर्शनकारियों ने सड़कें बंद कर दी हैं. सोमवार को डोनेस्क में रूस समर्थकों ने स्वतंत्र डोनेस्क पीपुल्स रिपब्लिक की स्थापना की भी एलान किया. रूस समर्थकों ने 11 मार्च को वहां जनमत संग्रह कराने का एलान किया है. जनमत संग्रह में डोनेस्क के लोग इस बात का जवाब देंगे कि वो यूक्रेन के साथ रहना चाहते हैं या नहीं.

Ukraine prorussische Aktivisten besetzen Gebäude in Donetsk
डोनेस्क में रूस समर्थकों का कब्जातस्वीर: DW/K. Oganesyan

महीने भर पहले हुए ऐसे ही जनमत संग्रह के बाद यूक्रेन को क्रीमिया खोना पड़ा. क्रीमिया के करीब 94 फीसदी लोगों ने यूक्रेन से अलग होने और रूस में मिलने का फैसला किया. अब पूर्वी यूक्रेन भी क्रीमिया की राह पर दिख रहा है.

असल में यूक्रेन पश्चिमी देशों और रूस की तनातनी का अखाड़ा बन गया है. यूरोपीय संघ कीव को ईयू में शामिल कर अपना दायरा फैलाना चाहता है तो रूस को ईयू और नाटो का अपनी सीमा तक आना पसंद नहीं. बीते साल यूरोपीय संघ में शामिल न होने के तत्कालीन राष्ट्रपति विक्टर यानुकोविच के फैसले के बाद दिसंबर 2013 में राजधानी कीव में प्रदर्शन शुरू हो गए.

महीने भर से ज्यादा चले प्रदर्शन के आखिरी दिन हिंसा भरे रहे. फरवरी में दो दिन के भीतर कम से कम 70 लोग मारे गए. इसके बाद संसद ने राष्ट्रपति यानुकोविच को बर्खास्त कर दिया. वह रूस भाग गए. कार्यकारी सरकार को कुछ ही दिन हुए थे कि क्रीमिया में संकट शुरू हो गया और अब तो पूरा संकट ही बेलगाम होता दिख रहा है.

ओएसजे/एजेए (एपी)