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सटीक मशीनी रोबोट

Abha Mondhe१४ मई २०१४

किसी जमाने में ये आशंका जताई गई थी कि एक दिन सभी काम रोबोट करने लगेंगे. और काफी हद तक ये सही भी है. भारी उद्योगों में ये काम सालों से मशीनी रोबोट कर रहे हैं.

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तस्वीर: Fraunhofer IPT

एक रॉड पर घूमने वाली मशीन एक तरह का रोबोट है. ये पता लगाता है कि मेटल की सतह पर कहां टूट फूट या गड़बड़ी है. इस प्रोटोटाइप को निर्माता इंडस्ट्री पार्टनर के साथ मिलकर औद्योगिक स्तर पर बनाना चाहते हैं. जर्मनी के दक्षिणी शहर सारब्रुकेन में फ्राउनहोफर संस्थान के आईजेडएफपी में काम करने वाले यॉखन कुर्त्स बताते हैं, "केबल टेस्टिंग अच्छा और इंटरनेशनल मार्केट है. यहां सिर्फ पुलों के ढांचे की बात नहीं, बल्कि सभी तरह की इमारतें जिसमें इस्पात की केबल है, इससे जांची जा सकती हैं. इसलिए मुझे लगता है कि इसका बाजार काफी बड़ा है."
पुल मूलभूत संरचना में आते हैं और ये सारलांड के रिसर्चरों की खास फील्ड है. इनकी टेस्टिंग के लिए उन्होंने खास सेंसरों का विकास किया है. ये ढांचा उन्होंने जर्मन रेल के लिए बनाया ताकि ट्रेन के पहियों में पड़ी दरारें नापी जा सकें. इस तरह के सौ उपकरण काम कर रहे हैं. एक तो यूरोप को इंग्लैंड से जोड़ने वाली यूरो टनल में है. कुर्त्स के मुताबिक, "फ्राउनहोफर संस्थान ने ये लक्ष्य बना लिया है कि वह अप्लाइड रिसर्च ही करेगा. इसलिए हम इंडस्ट्री के साथ बहुत गहरे जुड़े हुए हैं और फ्राउनहोफर सोसायटी औद्योगिक प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी भी लेती हैं."

इंडस्ट्री के साथ काम करने के दौरान मिलने वाले हर यूरो में से 30 सेंट शोधकर्ताओं को मिलता है. यहां तेल और गैस पाइपलाइन का परीक्षण करने वाले सेंसर बनाए जाते हैं. बड़े पैमाने पर होने वाला इलेक्ट्रॉनिक उत्पादन आय का अहम जरिया है. पिछले सालों में रिसर्चरों ने एक करोड़ बीस लाख यूरो कमाए हैं. जांच करने वाले रोबोटों को किराए दे कर भी पैसे कमाए जा सकते हैं. ऐसे केवल दो ही सैंपल हैं. यह गाड़ी सीमेंट की जांच करती है. इसकी काफी मांग की जाती है क्योंकि इससे इमारतों की जांच आसानी से की जा सकती है. कुर्त्स जानते हैं कि कहां सुधार होना चाहिए, "वो जानते हैं कि कैसे सुधार करना है, कहां करना है और कब करना है. रिनोवेशन प्लान प्रासंगिक हैं. अक्सर इमारतों का प्लान गायब रहता है. तो किसी को पता ही नहीं चलता कि आतंरिक संरचना कैसी है. या फिर जब टूट फूट होती है, तो फिर इसका कारण ढूंढना होता है."

हालांकि कईं इमारतों में सेंसर से बचना मुश्किल है. चाहे इंस्टॉल किया हो या फिर मोबाइल सेंसर हो. जांच करने वाले सेंसर बढ़ता बाजार हैं क्योंकि दुनिया भर में हर जगह इमारतें पुरानी हो रही हैं.
रिपोर्टः कॉर्नेलिया बोरमान/एएम

संपादनः मानसी गोपालकृष्णन