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डूबती फेरी छोड़, भाग गया कप्तान

१८ अप्रैल २०१४

जहाज की पूरी जिम्मेदारी उसके कप्तान के हाथों में होती है. इसीलिए हादसे के वक्त उससे उम्मीद की जाती है कि वह सबकी जान बचाने के बाद ही अपने बारे में सोचेगा. लेकिन दक्षिण कोरिया में कप्तान डूबती फेरी को छोड़ कर भाग निकला.

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तस्वीर: Reuters

दक्षिण कोरिया की योनहैप समाचार एजेंसी के मुताबिक, "हमने पुष्टि की है कि सेवोल फेरी के कप्तान ने फेरी डूबते समय उसकी कमान तीसरे मेट के हाथों सौंप दी थी." जांचकर्ता अब पता लगा रहे हैं कि दुर्घटना के समय कप्तान कहां था. उधर मुंह छिपाए फिर रहे कप्तान ने कहा है, "मुझे माफ कर दीजिए. मैं क्षमा मांगता हूं. मुझे समझ ही नहीं आ रहा कि मैं क्या कहूं. मैं बहुत शर्मिंदा हूं." तटरक्षक अधिकारियों ने कहा है कि वह 69 साल के कप्तान ली जुन सिओक की गिरफ्तारी की मांग करेंगे.

स्कूल की हालत खराब

डूबी फेरी में अधिकतर डानवोन स्कूल के छात्र थे जो छुट्टियां मनाने जा रहे थे. इनमें से अभी भी ढाई सौ लापता हैं. स्कूल के दरवाजे पर लिखा है, "अपने विचार बदलो और तुम्हारी दुनिया भी बदल जाएगी."
परेशान और बेहाल परिजन 48 घंटों से सिर्फ उम्मीद पर जी रहे हैं कि किसी तरह उनका बच्चा सकुशल लौट आए. खराब मौसम, ठंड और भारी लहरों के मद्देनजर यह बहुत मुश्किल लगता है. स्कूल के 339 बच्चे और शिक्षक जेजू द्वीप पर छुट्टियों के लिए जा रहे थे. 14 बच्चों और शिक्षकों की मृत्यु की पुष्टि की गई है. 247 अभी भी लापता हैं. यह मारे जाने वाले लोगों की संख्या के मामले में दौरान दक्षिण कोरिया की सबसे गंभीर फेरी दुर्घटना है.

उम्मीदें हल्की

फेरी के पलट जाने को 48 घंटे बीत चुके हैं और खराब मौसम और ऊंची लहरों के बीच कोई जिंदा व्यक्ति मिल पाएगा, इसकी उम्मीदें धीरे धीरे खत्म हो रही हैं. उधर तट पर कई परिजन प्रार्थना और धार्मिक क्रियाओं का सहारा लेकर खुद की उम्मीद बंधा रहे हैं. स्कूल के बच्चों ने दुर्घटना को याद करते हुए मौन रखा.

स्कूल के बड़े हॉल में दोस्त और परिवार साथ बैठ दुर्घटना स्थल का लाइव कवरेज देख रहे थे. कुछ थक हार के नींद की गोद में चले गए. किसी का भतीजा, किसी की बेटी, किसी के भाई बहन, पोता पोती.. समंदर की लहरों में न जाने कहां खो गए हैं. अपने भतीजे के लौटने का इंतजार कर रही चो क्युंग मी कहती हैं, "उन्हें बच्चों को बचाना चाहिए था. वे क्या कर रहे हैं. तीन दिन गुजर चुके हैं. वहां इतना ठंडा पानी होगा. बिचारे डरे हुए होंगे पानी के नीचे."

स्कूल के दरवाजे पर लापता बच्चों के कुछ मित्रों ने लिखा है, "अगर मैं तुमसे फिर मिला तो जरूर तुम्हें बताउंगा कि मैं तुमसे प्यार करता हूं. मैंने तुम्हें ये पहले कम जताया था."

एएम/आईबी (डीपीए, एएफपी, रॉयटर्स)