जर्मनी के सात अद्भुत उत्पाद
दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक ही नहीं, जर्मनी की झोली में कुछ ऐसी चीजें भी हैं, जिसकी पूरी दुनिया में उसकी अलग पहचान है. देखते हैं ऐसी सात चीजें.
जेड 3 कंप्यूटर
दुनिया का पहला प्रोग्राम करने वाला जेड 3 कंप्यूटर जर्मनी के कोनरार्ड सूजे ने 1941 में तैयार किया. सूजे ने बर्लिन में सुनसान पड़े अपने मां बाप के अपार्टमेंट में इसे तैयार किया. स्टीव जॉब्स ने 1976 में इसी तरह अपने मां बाप के गैरेज में कंप्यूटर की संरचना की.
4711
जर्मनी में ज्यादातर महिलाएं बोलती हैं कि 4711 से उन्हें उनकी दादी याद आती हैं. यह परफ्यूम 18वीं सदी में जर्मन शहर कोलोन में तैयार हुआ और शुरू में इसका इस्तेमाल दवा के तौर पर हुआ.
बिर्केनस्टॉक सैंडल
जर्मनी के लोग अमेरिका में बीएमडब्ल्यू बना सकते हैं, चीन में फोक्सवागन बना सकते हैं. लेकिन बिर्केनस्टॉक ब्रांड इस डिजाइन का सैंडल सिर्फ जर्मनी में बनाता है. यह बात अलग है कि चीन और भारत में इसकी नकल बहुत आसानी से मिल सकती है.
एमपी3
1980 के दशक में कार्लहाइन ब्रांडेनबुर्ग अपनी डॉक्ट्रेट की डिग्री के दौरान म्यूजिक को डिजिटल फॉर्म में ढालने की कोशिश कर रहे थे. उनके काम को दूसरे प्रयोगों से मिला कर फ्राउनहोफर इंस्टीट्यूट ने 1994 में पहला एमपी3 तैयार कर दिया.
एस्प्रिन
जर्मनी की मशहूर बायर एजी दवा कंपनी में 1897 में इस मशहूर दवा की शुरुआत हुई. कई देशों में बायर ट्रेडमार्क नहीं चल पाया लेकिन अभी भी 83 देशों में यह ट्रेड मार्क चलता है.
स्पार्क प्लग
वैसे तो एक फ्रांसीसी ने पहला इलेक्ट्रिक स्पार्क प्लग तैयार किया. लेकिन जर्मनी के रॉबर्ट बॉश ने पहली बार ऐसा स्पार्क प्लग बनाया, जो इग्निशन इंजन में लगा था. 1898 में शुरू हुआ यह सिलसिला आज भी जारी है.
कुक्कू घड़ियां
अठारहवीं सदी में ब्लैक फॉरेस्ट इलाके में कुक्कू घड़ियों का कारोबार खूब फैला. इसकी ऊपरी परत जरूर बदलीं लेकिन बुनियादी डिजाइन में ज्यादा बदलाव नहीं हुआ.