"अपने समय का सबसे आधुनिक स्टेडियम"
१५ जुलाई २०१४नेशनल स्टेडियम को फुटबॉल विश्वकप के लिए तैयार किया गया. ब्राजील का दावा है कि पर्यावरण के लिहाज से यह दक्षिण अमेरिका का सबसे टिकाऊ स्टेडियम है. पहले यहां पुराने स्टेडियम को तोड़ा गया और फिर नया बनाया गया. इस दौरान 750 टन मलबे को रिसाइकिल किया गया. नया स्टेडियम बनाने में इसी का इस्तेमाल किया गया.
स्टेडियम की छत पर लगा फाइबरग्लास तकनीकी हुनर की मिसाल है. इसकी खास परत बरसात से भी बचाती है और कड़ी धूप से भी. सस्टेनेबिलटी सलाहकार इयान मैकी इस बारे में बताते हैं, "यहां हमारे पास दक्षिण अमेरिका का सबसे बड़ा रूफ सिस्टम है. बारिश का पानी इससे होता हुआ स्टेडियम में ही जमा किया जाता है." स्टेडियम की खूबियां गिनवाते हुए वह कहते हैं, "हमारे पास एक छत है जो इमारत को बचाती है और 360 डिग्री वाला प्राकृतिक वेंटिलेशन सिस्टम है जो हवा के उतार चढ़ाव को भी सह लेता है. इस लिहाज से हमारे पास असरदार एयर कंडीशनर और मैकेनिकल वेंटिलेशन सिस्टम है."
सबसे अलग स्टेडियम
मैकी का कहना है कि लाइटिंग समेत स्टेडियम की हर चीज को एक सॉफ्टवेयर कंट्रोल करता है. इसकी वजह से काफी ऊर्जा बचाई जा सकती है. सभी चीजें ग्रीन बिल्डिंग के मानकों के हिसाब से लगाई गई हैं. उनका कहना है कि स्टेडियम अपने आप में बहुत खास है, इसीलिए वह लीड का प्लैटिनम सर्टिफिकेट चाहते हैं. प्लैटिनम सर्टिफिकेट लीडरशिप इन एनर्जी एंड एनवायरमेंट डिजाइन वाली लीड का सर्वोच्च प्रमाण पत्र है. ये इमारतों के टिकाऊपन को मापता है. फिलहाल दुनिया का कोई ऐसा स्टेडियम नहीं है जिसके पास यह सर्टिफिकेट हो. मैकी का कहना है कि लीड प्लैटिनम सर्टिफिकेट पाना वर्ल्डकप जीतने जैसा है, "यहां भी विजेता और उपविजेता के बीच बड़ा अंतर होता है. प्लैटिनम पाना बहुत ही बड़ी कामयाबी होगी. हमारे पास अपने समय का सबसे आधुनिक स्टेडियम है. मुझे लगता है कि टिकाऊपन के मामले में रूस का और यहां तक की कतर का भी कोई स्टेडियम इसके आस पास नहीं टिकेगा."
स्टेडियम की छत में सोलर पैनल भी लगाए गए हैं ताकि स्टेडियम की खपत से भी ज्यादा बिजली पैदा की जा सके. बाकी बिजली नेशनल ग्रिड को दी जाएगी. ब्राजीलिया का स्टेडियम लैटिन अमेरिका का सबसे टिकाऊ स्टेडियम ही नहीं है, वह सबसे महंगा भी है. इसे बनाने में 60 करोड़ यूरो लगे हैं. टिकाऊ इमारत का मतलब स्टेडियम में ट्रैफिक मैनेजमेंट से भी है. नेशनल स्टेडियम में साढ़े तीन हजार साइकिलों के लिए पार्किंग है.
रिपोर्ट: नादिया पोंटेस/एए
संपादन: ईशा भाटिया