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पुराना तबेला, नई तकनीक

४ अगस्त २०१४

पारिवारिक गोशालाओं की संख्या जर्मनी में लगातार कम होती जा रही है. इन बड़ी बड़ी गोशालाओं में इंसान और जानवर साथ नहीं होते, बल्कि गायों के साथ होते हैं रोबोट.

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Krabat Milchwelt - Ein junges Kalb
तस्वीर: picture-alliance/dpa

गौशाला में कुछ कुछ साइंस फिक्शन वाला माहौल है. यूनो रोबोट के आते ही चारा मिलेगा, गाएं ये बात अच्छे से जानती हैं. यूनो की आंखें एक कैमरा है. यही उसे रास्ता दिखाती हैं. उसे कब, कहां और कितनी बार चक्कर लगाना है, ये सब प्रोग्राम किया हुआ है.

गौशाला पर नजर रख रहीं लिजा रुसिग बताती हैं, "हमारा यूनो शानदार है. यह दिन में 12 बार गायों को चारा देता है. यह तय प्रोग्राम के तहत चक्कर लगाता है और गाएं भी इसे बहुत पसंद करती हैं. इसे देख कर गाएं चारे की ओर आती हैं और ज्यादा खाती हैं. बेहतर दूध उत्पादन के लिए यह एकदम बढ़िया है."

तीन मिनट में नौ लीटर

दूध निकालने का काम भी रोबोट ही करता है. पहले थनों की सफाई की जाती है और फिर दूध निकालने वाली मशीन अपने आप काम शुरू करती है. मशीन तीन मिनट में करीब नौ लीटर दूध निकाल लेती है. हर गाय प्रतिदिन करीब साठ लीटर दूध देती है. गाय के गले में टंगे हुए ट्रांसपॉन्डर से रोबोट को पता चलता है कि उसके सामने कौन सी गाय है.

Kraftfutter-Pellets fuer Milchvieh
गौशाला में रेत फेंकने वाला रोबोट भी है और गायों को नहलाने वाला भी.तस्वीर: dapd

यह हाईटेक गौशाला पिछले एक साल से काम कर रही है. इंसान की जगह रोबोट ने ले ली है, लेकिन गायों को इससे कोई नुकसान नहीं हुआ है. कृषि सहकारी समिति ने इसमें पचास लाख यूरो का निवेश किया है. यहां कुल पांच सौ गाएं हैं.

गायों की पसंद

ग्नाश्विट्स एग्रो कोऑपरेटिव के प्रमुख डाग्मार पावोल्स्की कहते हैं, "इस प्रोग्राम से मुझे पता चलता है कि कौन सी गाय की सेहत कैसी है. अगर वो कोई हलचल नहीं कर रही, तो मतलब उनका पेट में गड़बड़ है या फिर वो बीमार हैं. हम तुरंत रिएक्ट कर सकते हैं. प्रोग्राम मुझे बताता है कि उस गाय पर नजर रखो."

गोबर हटाने का काम भी एक मशीन ही करती है. डाग्मार पावोल्स्की का कहना है कि गोशाला में कम लोगों का होना अच्छी बात है. इससे गाय परेशान नहीं होती, "फायदा यह है कि कुल मिला कर हम इंसान बाहर ही रहते हैं. गाएं अपने हिसाब से काम करती हैं. जैसा मन पड़ता है, वैसे रहती हैं, चरती हैं, दूध देती हैं या आराम करती हैं. जो भी उन्हें अच्छा लगता है, वो करती हैं."

इस गौशाला से दिन में 15,000 लीटर दूध निकलता है. इतना ही नहीं, गौशाला में रेत फेंकने वाला रोबोट भी है. और यह गायों को नहलाने का काम भी करता है.

रिपोर्ट: इंगा जीग/आईबी

संपादन: आभा मोंढे