थेरेपी करने वाले पशु
विषाद हो, डर या एकाग्रता की समस्या, ऐसी स्थिति में जानवर इंसान की मदद कर सकते हैं. भले ही वैज्ञानिक अभी भी इसके फायदों का सबूत खोजने में लगे हों दुनिया भर में जानवरों की मदद से थेरेपी की कोशिश चल रही है.
खुशियां देने वाली थेरेपी
जहां थेरेपिस्ट विफल हो जाते हैं वहां कुत्ते मदद कर सकते हैं. वे इंसान को हंसा सकते हैं और उनका भरोसा जीत सकते हैं. जानवर और उनके मालिक वृद्धाश्रमों में थेरेपी में मदद करते हैं. हनोवर में पालतू पशुओं की मदद से होने वाली थेरेपी के फायदों पर चर्चा हो रही है.
पालतू जानवर
भले ही इसका कोई वैज्ञानिक सबूत न हो कि कुछ खास बीमारियों की थेरेपी में जानवरों की मदद से फायदा होता है, एक बात साफ है कि पालतू जानवर स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं. अध्ययनों से पता चला है कि बिल्लियों और कुत्तों का दिल पर अच्छा असर होता है. वे तनाव कम करते हैं.
दोस्तों के बीच
इंसानों के विपरीत पालतू जानवर सही गलत नहीं बताते और कोई सलाह नहीं देते. मनोचिकित्सकों का कहना है कि जानवर बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ाते हैं और अभिव्यक्ति में उनकी मदद करते हैं. रूस जैसे देशों में विकलांगता के शिकार बच्चों की थेरेपी में कुत्तों की मदद ली जाती है.
घोड़े का साथ
थेरेपी के लिए घुड़सवारी दरअसल सामान्य घुड़सवारी ही है, लेकिन यह प्रभावित लोगों की खास जरूरतों के अनुरूप होती है, मसलन शारीरिक विकलांगता का शिकार लोगों की जरूरत के हिसाब से. घोड़ों की गति उस पर बैठे इंसान के शरीर में जाती है और मांशपेशियों की कठोरता को दूर करती है.
लामा ऊंटों की थेरेपी
ऊंटों की मदद से होने वाली थेरेपी आम नहीं है, लेकिन जर्मनी में बवेरिया का ओरेंडा फार्म यह थेरेपी उपलब्ध कराता हैं. फार्म की मालकिन बिर्गिट आपेल-विमश्नाइडर का कहना है, "लामा डरपोक लोगों की थेरेपी के लिए अच्छे हैं. वे इंसान से डरते नहीं और यदि कोई असुरक्षित महसूस करता है तो उन्हें पता चल जाता है."
खुशियां ही खुशियां
पोलैंड में जेसुफ की सूचना तकनीक यूनिवर्सिटी ने बच्चों की थेरेपी के लिए चिली से 38 अल्पाका ऊंटों का आयात किया है. यहां थेरेपी के फायदे पर किसी रिसर्च की कोई जरूरत नहीं. यह पशु इतना प्यारा दिखता है कि इसे देखते ही हर किसी का मन प्रसन्न हो जाता है.
ऊंचाई की थेरेपी
मनोरोग के मरीज महीने में एक बार हनोवर से अपने थेरेपिस्ट के साथ पास ही स्थित लुनेबर्गर हाइडे के सेरेंगेटी पार्क में जाते हैं, वहां रहने वाले जिराफ को देखने और उन्हें चारा खिलाने. हनोवर मेडिकल कॉलेज के रिसर्चरों का कहना है कि वहां जाने से दबी कुचली भावनाएं बाहर निकलती हैं.
सबूत की खोज
सेरेंगेटी पार्क में मरीज मैडागास्कर के लीमरों को भी चारा खिलाते हैं और उन्हें सहलाते हैं. ये वानर प्रजाति के जीव हैं. हनोवर मेडिकल कॉलेज के रिसर्चर एक पांच वर्षीय अध्ययन के लिए मरीजों के साथ जाते हैं. वे यह पता कर रहे हैं कि क्या आकर्षक जानवर मनोरोगों को स्थाई रूप से दूर कर सकते हैं.
विवादास्पद थेरेपी
पशुओं की मदद से होने वाली थेरेपी में डॉल्फीन के साथ तैरना भी शामिल है. यह बच्चों में लोकप्रिय है, लेकिन अक्सर इसकी आलोचना भी होती है. मनोचिकित्सकों का कहना है कि इससे कोई फायदा नहीं होता, यह खतरनाक भी है. पशु संरक्षकों का आरोप है कि ज्यादातर डॉल्फीनों को जापान में बर्बर तरीके से पकड़ा गया है.
काबिल नहीं हर पशु
लोगों के लिए बेलुगा व्हेल के साथ तैरना खास अनुभव हो सकता है, लेकिन पशुरक्षक उन पर प्रतिबंध लगाने की मांग करते हैं. उनका आरोप है कि ये पशु थेरेपी वाले गरम पानी के लिए नहीं बने हैं और प्रतिकूल माहौल में रहने के कारण उनकी समय से पहले ही मौत हो जाती है.
आसान पर बेहतरीन
दुनिया भर में कुत्तों और बिल्लियों की कमी नहीं. और उनमें से ज्यादा को इंसानी संगत पसंद है. फिर डॉल्फीन और व्हेल का साथ पाने की कोशिश क्यों की जाए.