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श्टाइनमायर मध्यपूर्व के दौरे पर

महेश झा१ जून २००८

जर्मन विदेशमंत्री फ़्रांक-वाल्टर श्टाइनमायर तीन दिवसीय मध्यपूर्व दौरे पर लेबनान पहुँच रहे हैं जहाँ वे आज बैरूत में लेबनानी नेताओं से मिल रहे हैं.

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तस्वीर: GMF

जर्मन विदेशमंत्री श्टाइनमायर का मध्यपूर्व दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब इज़रायल और फ़िलस्तीनी पक्ष के बीच चल रही वार्ता अभी भी गोपनीय स्तर पर है और औपचारिक नहीं बनी है. सोमवार को इज़रायली प्रधानमंत्री एहुद ओलमर्ट और फ़िलस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास फिर से मिल रहे हैं. तब तक अमेरिका के दौरे पर रवाना हुए ओलमर्ट वापस लौट जाएंगे.

भ्रष्टाचार कांड में फंसे प्रधानमंत्री एहुद ओलमर्ट का भविष्य अभी भी तय नहीं है. राजनीतिक अस्थिरता के बावजूद इज़रायल के उप प्रधानमंत्री ने हाइम रमोन ने इज़रायल और फ़िलस्तीनियों के बीच शांति संधि के लिए अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन की मांग की है.

दूसरी ओर लेबनान में अठारह महीने के राजनीतिक संकट के बाद विवाद में लगी पार्टियों के बीच समझौता तो हो गया हैलेकिन यह समझौता कितने दिन चलेगा यह स्पष्ट नहीं है. अठारह महीनों के गतिरोध के बाद देश में नया राष्ट्रपति चुन लिया गया है.

जर्मन विदेशमंत्री लेबनानी राष्ट्रपति मिशेल सुलैमान से मिलने वाले पहले प्रमुख यूरोपीय नेता हैं. अपने दौरे के साथ वे स्थिरता की प्रक्रिया में जर्मनी के समर्थन का आश्वासन भी देंगे. श्टाइनमायर ने समझौते के लिए अरब लीग के योगदान की सराहना की है.

राष्ट्रपति सुलैमान, प्रधानमंत्री फ़उद सिनियोरा और हिज़बोल्लाह के निकट समझे जाने वाले संसद अध्यक्ष नबीह बेरी से भेंट के अलावा विदेशमंत्री श्टाइनमायर लेबनान में तैनात जर्मन नौ सैनिकों से मिलेंगे जो संयुक्त राष्ट्र के लिए लेबनानी तट की सुरक्षा कर रहे हैं.

इज़रायल और फ़िलस्तीनी क्षेत्रों का दौरा शांति प्रक्रिया को समर्थन देने का दौरा है. विदेशमंत्री के रूप में श्टाइनमायर ग्यारहवीं बार फ़िलस्तीनी पक्ष से मिलेंगे. वार्ता की स्थिति के बारे में श्टाइनमायर की उक्ति रहस्यमय लगती है. वे कहते हैं कि उन्हें प्रसन्नता होगी यदि इस साल के दौरान दोनों पक्षों के बीच संरचना पर समझौता हो जाए.

लेकिन इज़रायल और फ़िलस्तीनी प्रतिनिधि अभी तक ऐसे समझौते के तत्वों पर भी सहमत नहीं हुए हैं. श्टाइनमायर अपने इज़रायल दौरे पर विदेशमंत्री जिपी लिवनी और रक्षामंत्री एहुद बराक से मिलेंगे. दोनों ही इज़रायल के राजनीतिक संकट में प्रधानमंत्री ओलमर्ट का विरोध कर रहे हैं.

फ़िलस्तीनी नेताओं से होने वाली बातचीत में 24 जून को बर्लिन में होनेवाली मध्यपूर्व सम्मेलन की तैयारी और 60 साल पहले इज़रायल के गठन के साथ अलग थलग पड़ गए फ़िलस्तीनियों के लिए संभावनाओं की चर्चा होगी.