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चॉकलेट के शौक़ीनों की ''जन्नत''

प्रिया एसेलबॉर्न३ फ़रवरी २००९

चॉकलेट की बात हो तो जर्मनी बिल्कुल पीछे नहीं रह सकता. मज़े की बात यह है कि जर्मनी में हर व्यक्ति साल में औसतन 32 किलो चॉकलेट खाता है. इसीलिए यहां कोलोन शहर में हर साल मिठाई मेला लगता है. जानिए इस बार क्या है इसमें ख़ास.

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चॉकलेट्स की रंग बिरंगी दुनियातस्वीर: Deniz Egilmez

चॉकलेट की भीनी महक और कई तरह के कूकीज़ का लज़ीज स्वाद लेने के लिए चले आइए कोलोन, जहां चल रहा है इन दिनों अंतरराष्ट्रीय मिठाई मेला. दरअसल जर्मनी दुनिया भर में अपने चॉकलेट, चिप्स, बिस्किट स्नैक, कूकीज़ और केक के लिए मशहूर है.

रविवार से बुधवार तक चलने वाले अंतरराष्ट्रीय मिठाई मेले के लिए जर्मनी का शहर कोलोन बिल्कुल सही मेज़बान है. क्योंकि इसी शहर में दुनिया का इकलौता चॉकलेट म्यूज़ियम भी है. 65 देशों से आए क़रीब 1,600 प्रतिनिधियों ने मिठाई मेले में अपने स्टॉल लगाए हैं. पिछले साल जर्मनी में कंपनियों ने 37 लाख टन मिठाइयां बनाई थीं जिनसे साढ़े 12 अरब यूरो का मुनाफ़ा हुआ था. पश्चिमी देशों में लोग मीठी चीज़ें खाना बहुत पसंद करते हैं और वे अच्छी क्वॉलिटी के लिए ज़्यादा पैसा देने को तैयार भी हैं.

Süßwarenmesse in Köln
शौक़ीनों के साथ साथ माहिरों के लिए भी हैं कई चीज़ेंतस्वीर: Benjamin Wüst

अब नीदरलैंड्स के जेरोम लिंडर्स का जुनून देखिए. इन साहब ने 23 कैरेट सोने से मढ़ी चॉकलेट ही पेश कर डाली. वह कहते हैं, "इस चॉकलेट कैंडी के बहारी हिस्से के लिए हमने ऐसा चॉकलेट इस्तेमाल किया जिसमें कोको बहुत ज़्यादा है, क़रीब 70 फ़ीसदी. उसके अंदर भरने के लिए हमने क्रीम चॉकलेट इस्तेमाल किया जिसमें दूध और चीनी ज़्यादा है. फिर हमने कैंडी को 23 कैरेट सोने की जर्दी में लपेटा. ऐसी नौ कैंडी के पैकट का दाम 35 यूरो यानी करीब 1850 रुपये है."

Süßwarenmesse in Köln
एसपार्गस चॉकलेटतस्वीर: picture-alliance/ dpa

और अब ज़रा यह बताइये कि क्या आपने फूलों वाली चॉकलेट के बारे में सुना है. मेले में मौजूद ज़ाबीने कोबर बतातीं हैं, "चॉकलेट में फूलों को इस्तेमाल करना बहुत की कठिन और समय लेने वाला काम है. उदाहरण के लिए हम जर्मनी में शुभ माने जाने वाली जार पत्तों वाली मेथी को उगाते हैं. उसे फिर हम चिमटी के साथ बहुत सावधानी से चॉकलेट पर लगाते हैं ताकि उन नाज़ुक पत्तों की सुंदरता को नुकसान न पहुंचे".

ज़ाबीने कोबर बतातीं हैं कि मुश्किल बात ये है गुलाब जैसे कई फूल सामान्य रूप से सर्दियों में कम मिलते हैं. वैसे चॉकलेट में सिर्फ़ सोने या फलों का ही प्रयोग नहीं होता. एक नया ट्रेंड यह भी है कि चाकलेट में सब्जियों को इस्तेमाल किया जाए. मिर्ची या अदरक के साथ बनाई गई चॉकलेट स्वास्थ्य के लिए भी अच्छी मानी जाती हैं और इसलिए सर्दियों से उनको इस्तेमाल किया जाता है. लेकिन एसपार्गस सब्ज़ी का इस्तेमाल. मेले में आए आउगुस्त फेल्डमान बताते हैं, '' सबसे पहले हम ऐसपार्गस सब्ज़ी का सूप तैयार करते हैं और इस सूप में हम कई तरह की चॉकलेट मिलाते हैं. महत्वपूर्ण बात यह है कि बाद में सब्ज़ी का स्वाद नहीं रहना चाहिए क्योंकि सब्ज़ी को च़ॉकलेट में दखल देने का हक नहीं.''

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टॉफ़ी के दीवानों का स्वागत है.तस्वीर: Benjamin Wüst

बेशक बच्चों के लिए भी मेले में बहुत सामान है. मिसाल के तौर एक रोल किया हुआ आधा मीटर लंबा च्विंगम. आयोजकों का कहना है ये दुनिया का सबसे खट्टा च्विंगम है. स्लैशपॉप नाम का एक लॉलीपॉप भी है जो बटन दबाते ही चमकने लगता है. आयोजकों का कहना है कि बच्चों के लिए ऐसी चीज़ें दिलचस्प है जिन्हें न सिर्फ़ वे खा सकते हैं बल्कि उनके साथ वे खेल भी सकते हैं.