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ऑस्ट्रेलिया की सबसे बड़ी आग

८ फ़रवरी २००९

ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में अब तक की सबसे बड़ी और ख़तरनाक आग लगी हुई है. इसमें मरने वालों की संख्या 84 तक पहुंच गई है. बचाव काम में अब सेना को लगाया जा रहा है लेकिन बारिश के बिना इस पर क़ाबू पाना मुश्किल माना जा रहा है.

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बेधड़क बढ़ती आगतस्वीर: AP

चारमंज़िला इमारतों जितनी ऊंची उठती लपटें और गोली की रफ़्तार से आगे बढ़ती आग. दक्षिण पूर्व ऑस्ट्रेलिया में इतिहास की सबसे बड़ी आग लगी हुई है. जंगलों में लगी यह आग देखते ही देखते विक्टोरिया की राजधानी मेलबर्न और इसके आस पास के शहरों में फैल गई. इस भयानक आग के रास्ते में जो कुछ आया, उसे स्वाहा करती गई. 750 घर, 2,00,000 हेक्टेयर ज़मीन और 84 इंसानी जानें. फ़ायर ब्रिगेड की गाड़ियों और फंसे हुए लोगों के बीच तपती ऊंची लपटों की दीवारें हैं और राहत काम बहुत मुश्किल है.

Feuerwehrmänner kämpfen gegen die Flammen bei King Lake Australien
बचाव काम में भारी मुश्किलेंतस्वीर: AP

आग इतनी तेज़ी से बढ़ रही है कि भागने तक का मौक़ा नहीं मिल पा रहा है. पैदल दौड़ते भागते और कारों से भाग कर जान बचाने की कोशिश कर रहे इनसानों के साथ यह आग मौत की रेस लगा रही है और कई जगहों पर उन्हें मात दे जा रही है. मेलबर्न के आस पास के शहरों में लगातार घर भस्म हो रहे हैं और असहाय लोग दूर खड़े अपने मकान को धू धू कर जलता देख रहे हैं. कुछ दुस्साहसियों ने इसे बुझाने की कोशिश की ताकि आशियाना बच जाए. लेकिन वे ख़ुद नहीं बच पाए. कई हिस्सों में अंगारे बरस रहे हैं. पेड़ पौधे विस्फोट के साथ भस्म हो रहे हैं और सवार सहित कारें राख में बदल रही हैं.

Trümmer nach starken Bränden in King Lake Australien
अग्नि का निवाला बना आशियानातस्वीर: AP

विक्टोरिया की एक स्थानीय रिपोर्टर ने बताया कि उसने एक बूढ़ी महिला को कार में सवार होकर आग से भागने की कोशिश करते देखा. उसने देखा कि पिछली सीट पर कुछ बर्तन भी रखे हैं, लेकिन फिर वह लपटों में समा गई. अग्नि ने कार को निगल लिया.

ऑस्ट्रेलिया के इमरजेंसी सेवा कमिश्नर ब्रूस एस्पलिन का कहना है कि कई लोगों ने आग की भायवहता को कम करके आंका. उन्होंने कहा कि आप घर दोबारा बना सकते हैं, जीवन नहीं. मेलबर्न का सबसे बड़ा अलफ़्रेड अस्पताल जले हुए लोगों से भर गया है. लेकिन यहां जले हुए लोगों का आना जारी है.

ऑस्ट्रेलिया में दावानल यानी जंगल की आग बराबर लगती है. लेकिन इस बार यह सबसे बड़ी हो गई. इससे पहले 1983 की आग में 75 लोग मारे गए थे, जबकि 1967 में 62 और 1939 में 71 लोग आग की भेंट चढ़ गए थे.

Zerstörte Kirche nach Bränden in Australien
आग से ज़मींदोज़ हुआ चर्च भीतस्वीर: AP

ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री केविन रड ने बचाव के लिए सेना लगाने की बात कही है. लगभग 30,000 दमकलकर्मी और पानी बरसाने वाले 37 विमान इस आग के सामने रत्ती भर साबित हो रहे हैं. इमरजेंसी सेवा प्रमुख ने बताया कि 26 जगह आग लगी है और एक जगह तो लपलपाती आग ने सिर्फ़ 12 घंटे के अंदर 40 किलोमीटर का फ़ासला तय कर लिया.

पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि प्रकृति के साथ ज़रूरत से ज़्यादा खिलवाड़ की वजह से आग की विभीषिका बढ़ी है. जानकार मानते हैं कि अब इस भयंकर आग पर क़ाबू भी प्रकृति की मदद के बिना नहीं हो सकता. दमकल कर्मियों की असहायता को देख कर लगता है कि आग सिर्फ़ बारिश से ही बुझ सकती है.