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सोमालिया में इमरजेंसी

२२ जून २००९

आतंकवाद और ग़रीबी से जूझ रहे अफ्रीकी देश सोमालिया में राष्ट्रपति ने इमरजेंसी की घोषणा कर दी है. सोमालियाई राष्ट्रपति शेख शरीफ शेख अहमद ने अंतरराष्ट्रीय बिरादरी से तुरंत सैन्य सहायता भी मांगी है.

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आतंकवादियों का गढ़ बना सोमालियातस्वीर: AP

सोमालियाई राष्ट्रपति शेख शरीफ शेख अहमद के इमरजेंसी के एलान से ठीक पहले सोमवार को राजधानी मोगादिशू में एक शरिया अदालत ने चार युवकों को चोरी का दोषी करार दिया. खुलेआम चल रही इस शरिया कार्रवाई में चारों युवकों का दाहिना हाथ और बाई टांग काटने की की सज़ा सुनाई गई.

इस्लामी आतंकवाद की इसी बढ़ती ताकत के चलते, सोमालियाई राष्ट्रपति शेख शरीफ शेख अहमद को आपातकाल की घोषणा करनी पड़ी. इमरजेंसी लगाने के साथ ही सोमालियाई राष्ट्रपति ने कहा कि उनके देश को अंतरराष्ट्रीय सैन्य सहायता की तुरंत ज़रूरत है.

इसके बाद सोमवार को ही अफ्रीकी संघ ने भी इस्लामी आतंकवादियों से निपटने के लिए सोमालिया की अपील का समर्थन किया. अफ्रीकी संघ के अध्यक्ष ज़्यॉ पीं ने कहा कि सोमालिया को अफ्रीकी संघ के सदस्य देशों और अंतरराष्ट्रीय बिरादरी से मदद मांगने का हक है.

उधर राष्ट्रपति के अलावा सोमालियाई संसद के स्पीकर शेख अदेन मोहम्मद नूर ने भी केन्या, इथोपिया और यमन जैसे देशों से सैनिक सहायता की अपील की है. उन्होंने कहा कि दूसरे देश 24 घंटे के भीतर सोमालियाई आतंकवादियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई करें. हालांकि मदद की गुहार के बावजूद इथोपिया की सरकार ने साफ किया कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर सहमति के बिना वह सोमालिया को सैन्य सहायता नहीं देगी. इथोपिया ने इसी साल जनवरी में सोमालिया से अपनी सेनाएं हटाईं थीं.

सोमालिया में बीते दो सालों में हुई हिंसा में ही क़रीब 18,000 आम लोग मारे गए हैं. आतंकवादी हिंसा के चलते राजधानी मोगादिशू से ही अब तक सवा लाख लोग घर बार छोड़कर भाग चुके हैं. बीते दिनों सोमालिया के अलग अलग इलाकों में सुरक्षा मंत्री और पुलिस प्रमुख समेत 200 लोगों की हत्या हो चुकी है. 18 साल से कामचलाऊं सरकार के भरोसे चल रहे सोमालियाई में अब एक तरफ आतंकवादी हैं तो दूसरी तरफ समुद्री लुटेरे. जानकार कहते हैं कि चार देशों के साथ साझा सीमाओं वाले सोमालिया में पड़ोसियों और दुनिया के दूसरे ताकतवर देशों के दख़ल के बिना शांति मुमकिन नहीं लगती है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह

संपादन: ए कुमार