ब्रिटेन में फ़र्ज़ी बाबाओं की अब ख़ैर नहीं
१० अगस्त २००९अधिकारी ऐसे बाबाओं के ख़िलाफ़ कार्रवाई कर रहे हैं.
लंदन में छपने वाले भारतीय भाषाओं के अख़बार ऐसे तांत्रिक और बाबाओं विज्ञापनों से भरे पड़े रहते हैं. इनमें प्रेम और कारोबार से जुड़े मामलों में 100 फ़ीसदी कामयाबी दिलाने का दावा किया जाता है. यही नहीं इनमें कैंसर और दूसरी गंभीर बीमारियों के इलाज का दावा भी किया जाता है. बताया जाता है कि यह ब्रिटेन में सालाना चार करोड़ पाउंड का कारोबार है.
लिटल इंडिया के नाम से मशहूर लाइसेस्टर शहर के प्रशासन ने ऐसे बाबाओं और तांत्रिकों के ख़िलाफ़ अभियान चलाने का फ़ैसला किया है.
इनमें से ज़्यादातर बाबा भारतीय उपमहाद्वीप के हैं.
शहर की डिप्टी मेयर मंजुला सूद का कहना है कि लोगों से पूजा और तंत्र मंत्र के लिए 500 पाउंड और उससे ज़्यादा तक ऐंठे जाते हैं. लोगों को लगता है कि उन्होंने अगर बाबा की बात नहीं मानी तो उनके साथ बुरा होगा.
सिख वेलफेयर एंड कल्चरल सोसायटी नाम की स्थानीय संस्था के चेयरमैन रेशम सिंह संधू का कहना है कि सिख समुदाय अख़बारों से भी बात कर रहा है कि वे ऐसे ढोंगियों के विज्ञापन छापना बंद करें.
रिपोर्ट- पीटीआई/ए कुमार
संपादन- एस जोशी