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"ज़िंदा है हकीमुल्लाह महसूद"

१५ जनवरी २०१०

पाकिस्तान में तालिबान के साथ साथ ख़ुफ़िया अधिकारियों ने भी ड्रोन हमले में तहरीके तालिबान के मुखिया हकीमुल्लाह महसूद के मारे जाने की ख़बरों को ग़लत बताया है. हॉलब्रुक ने भी नहीं की कोई टिप्पणी.

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हकीमुल्लाह महसूदतस्वीर: picture-alliance/ dpa

गुरुवार को दक्षिणी वज़ीरिस्तान में शकटोई गांव में तालिबान के ठिकानों पर बिना पायलट वाले संदिग्ध अमेरिकी जासूसी विमान से चार मिसाइलें दाग़ी गईं. इस हमले में कुल 12 लोग मारे गए और दर्जन भर घायल हो गए. मरने वालों में अल क़ायदा के अरब मूल के दो आतंकवादी भी बताए जा रहे हैं.

इस हमले के बाद पाकिस्तानी टीवी चैनलों ने गुमनाम सूत्रों के हवाले से ख़बर चलाई कि तहरीके तालिबान के मुखिया हकीमुल्लाह महसूद की भी मौत हो गई है. लेकिन कुछ ख़ुफ़िया अधिकारी जहां अब भी हकीमुल्लाह के मारे जाने की बात कह रहे हैं, वहीं कुछ ने इस तरह की ख़बरों को ग़लत बताया है.

उधर हकीमुल्लाह के प्रवक्ता अज़म तारिक़ ने भी अपने नेता के मारे जाने की ख़बरों को बेबुनियाद कहा है. तारिक़ ने समाचार एजेंसी एएफ़पी को फोन करके बताया, "वह हमले वाली जगह पर मौजूद थे, लेकिन हमला होने से पहले ही वहां से निकल गए. वह जीवित और पूरी तरह सुरक्षित हैं."

पिछले साल एक संदिग्ध अमेरिकी ड्रोन हमले में ही तहरीके तालिबान के मुखिया बैतुल्लाह महसूद की मौत हुई, जिसे बाद हकीमुल्लाह ने संगठन की कमान संभाली. तहरीके तालिबान बहुत दिनों तक बैतुल्लाह महसूद के मारे जाने की बात से भी इनकार करता रहा क्योंकि संगठन में नेतृत्व को लेकर काफ़ी अंदरूनी झगड़ा चल रहा था. पिछले साल अक्तूबर यह भी ख़बर आई कि हकीमुल्लाह को विरोधी खेमे वाले उग्रवादियों ने मार दिया है. बाद में ख़ुद हकीमुल्लाह को इस ख़बर का खंडन करना पडा.

पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान के लिए अमेरिका के विशेष दूत रिचर्ड हॉलब्रुक ने भी गुरुवार के ड्रोन हमले में हकीमुल्लाह के मारे जाने की ख़बर पर कोई टिप्पणी नहीं की. यह ड्रोन हमला इस महीने में अब तक इस तरह का सातवां हमला है. पाकिस्तानी प्रधानमंत्री यूसुफ़ रज़ा गिलानी ने गुरुवार को एक बार फिर इन हमलों की आलोचना की. उन्होंने कहा कि ड्रोन हमलों का उल्टा असर हो रहा है और इससे आंतकवाद के ख़िलाफ़ पाकिस्तान की लड़ाई को नुक़सान पहुंच रहा है.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः एम गोपालकृष्णन