फर्जी मुठभेड़ के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा: एंटनी
३० मई २०१०मुठभेड़ में मारे गए तीन युवकों के अंतिम संस्कार के दौरान बारामूला में भारी विरोध प्रदर्शन हुए. शव यात्रा के दौरान बड़ी संख्या में लोग भारत विरोधी नारे लगाने लगे. कुछ प्रदर्शनकारियों की सुरक्षाकर्मियों से झड़प भई हुई. इसके बाद पुलिस ने हवाई फायरिंग की और आंसू गैस के गोले छोड़े.
राज्य सरकार ने इस मामले में मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं. रक्षामंत्री एके एंटनी ने भी मामले पर कड़ा रुख अपनाया है. उन्होंने कहा, ''किसी को बचाने का सवाल ही नहीं उठता. किसी को बख्शा नहीं जाएगा.'' एंटनी ने कहा कि मामले की जांच में रक्षा मंत्रालय जम्मू कश्मीर सरकार को पूरा सहयोग देगा.
लोगों का आरोप है कि 30 अप्रैल को सेना का एक जवान तीन युवकों को माचिल इलाके से लेकर गया. बाद में तीनों युवकों की हत्या कर दी गई. पुलिस ने टेरीटोरियल आर्मी के जवान समेत तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. तीनों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है.
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्लाह ने दोषियों को सज़ा दिलाने का वादा किया है. विपक्षी पार्टी पीडीपी का कहना है कि ऐसी वारदातों से केंद्र सरकार के साथ बातचीत में मुश्किल पड़ सकती है. भारत के प्रधानमंत्री आने वाले दिनों में जम्मू कश्मीर का दौरा करने वाले हैं. मनमोहन कश्मीर की राजनीतिक पार्टियों और अलगाववादी गुटों से बातचीत करेंगे.
रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह
संपादन: आभा मोंढे