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फर्जी मुठभेड़: मेजर निलंबित, कर्नल के पर कतरे

७ जून २०१०

जम्मू कश्मीर फर्जी मुठभेड़ मामले में सेना का एक मेजर निलंबित. कर्नल को कमांड से हटाया गया. मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्लाह ने की सेना और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की. सेना पर तीन बेकसूर युवाओं की हत्या के आरोप.

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तस्वीर: AP

यह कार्रवाई मचली एनकाउंटर को सही ठहराने वालों पर हुई है. सेना के अधिकारियों पर आरोप है कि उन्होंने तीन युवकों की हत्या को छुपाने और वारदात को मुठभेड़ की शक्ल देने की कोशिश की.

रविवार को राज्य के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्लाह ने आला पुलिस अधिकारियों और सेना के शीर्ष कमांडरों के साथ बातचीत की. कार्रवाई इसी बातचीत के बाद हुई. बैठक में खुफिया विभाग के अधिकारी भी शामिल थे. बैठक के बाद भारतीय सेना के एक मेजर को निलंबित और एक कर्नल को कमांड से हटा दिया गया.

Kashmir Omar Abdullah bei Wahlkampveranstaltung
की बैठकतस्वीर: UNI

फर्जी मुठभेड़ मामले का जिक्र करते हुए उमर अब्दुल्लाह ने कहा, ''पारदर्शिता की जरूरत है. सेना जज, ज्यूरी और जल्लाद की तरह काम कर रही है.'' विपक्षी पार्टी पीडीपी राज्य सरकार पर मामले को दबाने का आरोप लगा रही है. इसके जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा, ''मचली एनकाउंटर प्रदर्शनों की वजह से सामने नहीं आया. अलगाववादियों, विपक्ष और स्थानीय लोगों ने हमसे जांच कराने के लिए नहीं कहा. पुलिस ने खुद जांच शुरू की. अगर हम मामले को दबाना चाहते तो जांच में दिलचस्पी क्यों दिखाते.''

जम्मू कश्मीर पुलिस ने 30 अप्रैल को सेना के एक जवान समेत कुछ लोगों के खिलाफ अपहरण और हत्या का मुकदमा दर्ज किया था. सुरक्षा बलों ने दावा किया था कि उन्होंने घुसपैठ की एक कोशिश को नाकाम किया और तीन आतंकवादियों को मार गिराया. सेना का कहना था कि मारे गए आतंकवादियों से एके-47, पाकिस्तानी मुद्रा और असलहा भी बरामद हुआ है. लेकिन रिपोर्टों के मुताबिक मारे गए तीनों लोग बेकसूर आम नागरिक थे. तीनों युवा बारामूला ज़िले से लापता हुए थे. भारत के रक्षा मंत्री एके एंटनी पहले की कह चुके हैं कि इस मामले में किसी को बख्शा नहीं जाएगा.

रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह

संपादन: आभा मोंढे