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आजमगढ़ में बरसों बाद लौटी मुस्कुराहट

१२ फ़रवरी २०११

दिल्ली की तीस हजारी में एडिशनल सेशन जज संतोष स्नेही मान ने बटला हाउस मुठभेड़ कांड के एक आरोपी सलमान को बाइज्जत बरी किया तो उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले के संजरपुर गांव के हर घर में ईद सा समां है.

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तस्वीर: UNI India

करीब तीन साल बाद पहली बार इस गांव में खुले मन से खुशियां मनाई गईं. नौजवानों ने पटाखे फोड़े और आतिशबाजी हुई. दिल्ली में बटला हाउस मुठभेड़ कांड के बाद इस गांव के बाशिंदे किसी से नजरें मिलाकर बात नहीं कर पा रहे थे. इस गांव के दर्जन भर पढ़े लिखे युवक आतंकी गतिविधियों में पकड़े जा चुके है और लगभग इतने ही युवक बटला हाउस कांड के बाद से लापता हैं. कोई नहीं जानता कि इन्हें जमीन निगल गई या आसमान खा गया. इनके मां-बाप भाई बहन सभी रो-रोकर थक चुके हैं. इनकी आखों में अब कोई उम्मीद की कोई किरण नहीं दिखती.

Der große Unterwelt-Mafiosi Abu Salem begleitet von Polizeikräften
अंडरवर्ल्ड डॉन अबु सलेमतस्वीर: UNI

गिरफ्तार हुए और गायब
यूपी एटीएस ने उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले के संजरपुर गांव के 21 वर्षीय सलमान की 6 मार्च 2010 को उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर जिले से गिरफ्तारी दिखाई थी. सलमान के बरी होने की खबर आते ही संजरपुर के हर शख्स के चेहरे पर काफी लंबे समय के बाद पहली बार खुशी दिखी. जिन युवकों को पुलिस ने पकड़ रखा है उनके घर वालों के लिए सलमान के बरी होने की खबर एक नई बयार बन कर आई है. अब हर किसी को लगने लगा है कि यहां के नौजवानों को सलमान की ही तरह एक दिन न्याय जरूर मिलेगा. सलमान के घर पर तो लोगों का रेला ही उमड़ पड़ा है. उसके घर वालों की आखें खुशी से अपने आप ही छलछला पड़ती हैं.

आजमगढ़ से 20 किलोमीटर दूर शाहगंज रोड पर बसे संजरपुर में सीपीएम नेता सुभाषिनी अली पहुंचीं तो वह भी उन लोगों के साथ रो पड़ीं. उन्होंने इन बच्चों के घर वालों के जज्बे की जमकर तारीफ की जिन्होंने सब्र का दामन छोड़े बिना लोकतांत्रिक तरीके से अन्याय के खिलाफ लड़ाई लड़ी.

आजमगढ़ से आतंकगढ़

गौरतलब है कि 13 सितंबर 2008 को दिल्ली में हुए सीरियल बम ब्लास्ट में 26 लोग मारे गए और 135 के करीब घायल हुए थे. इसके अगले दिन ही जामिया नगर से आजमगढ़ के रहने वाले इंजिनयरिंग कर रहे कुछ युवकों की गिरफ्तारियां हुईं और फिर 19 सितंबर 2008 को बटला हाउस मुठभेड़. इसमें आजमगढ़ के ही कथित आतंकी साजिद और आतिफ को दिल्ली पुलिस ने मार दिया. इस मुठभेड़ में दिल्ली पुलिस के सब इंस्पेक्टर मोहन चंद्र शर्मा भी मारे गए.

इस मुठभेड़ के बाद आजमगढ़ को आतंकगढ़ कहा जाने लगा. दर्जनों बार यहां दिल्ली पुलिस के छापे पड़े. कैफी आजमी, शबाना आजमी और राहुल सांकृत्यायन को जन्म देने वाले आजमगढ़ के लोगों का बटला हाउस मुठभेड़ के बाद खुले आम बहिष्कार होने लगा. लेकिन सलमान के बरी होने पर माहौल बदला है. संजरपुर विकास संघर्ष समिति के संयोजक तारिक का कहना है कि कोर्ट के फैसले ने यह साबित कर दिया है कि बेकसूर नौजवानों को साजिशन फंसाया गया है. शहर के लोकप्रिय डॉक्टर जावेद अख्तर का कहना है कि सलमान को आरोप मुक्त किया जाना सच्चाई पर मुहर है. उन्होंने कहा कि एक दिन वह भी आएगा जब आतंकी मामलों में फंसाए गए सारे नौजवान आरोपमुक्त हो जाएंगे. याद रहे कि डाक्टर जावेद का लड़का सादुल्लाह भी जामिया में इंजीनियरिंग करने गया था और वह भी गायब है.

संजरपुर के अब्दुल्ला, शमशाद, जुबेर और अरशद कहते हैं कि जब से आतंकवादी मामलों में हमारे गांव का नाम आया है तब से हर कोई हमें शक की नजर से देखता है. रिश्तेदारों ने भी नाता तोड़ लिया है. सलमान की रिहाई से आतंक का दाग काफी हद तक धुलेगा. गायब युवक शमशाद की बहन एकदम चुप हैं. वह न किसी से बात करना चाहती है न अपना नाम बताना चाहती है. चेहरे पर कोई भाव नहीं हैं.

अबु सलेम और दाऊद से रिश्ता

बॉलीवुड की मोनिका बेदी का कथित शौहर और मुंबई सीरियल ब्लास्ट के आरोपी अंतरराष्ट्रीय डॉन अबू सलेम संजरपुर के पास के ही कस्बे सरांयमीर का रहने वाला है. बताते हैं कि यहां के सैकड़ों युवकों को मुंबई ले जाकर अपराध की दुनिया तक पहुंचाने का काम अबू सलेम ने ही किया. मुंबई में कई चर्चित हत्याकांड आजमगढ़ के युवकों ने ही अंजाम दिए. यही नहीं, कुख्यात सरगना दाऊद इब्राहिम के भाई की ससुराल भी आजमगढ़ के बिसहम गांव में है.

उलेमा काउंसिल और दिग्विजय सिंह

युवकों को आतंकी मामलों में फंसाए जाने के विरोध में उलेमा काउंसिल का गठन किया गया. इसके सदर मौलाना आमिर रशादी बने जिनके बेटे को भी एटीएस ने गुजरात में गिरफ्तार किया. काउंसिल ने दो ट्रेनें बुक कीं और हजारों लोगों ने दिल्ली पहुंचकर जंतर मंतर पर प्रदर्शन किया. इसके बाद लखनऊ में प्रदर्शन हुआ और बटला कांड की न्यायिक जांच की मांग की गई. काउंसिल ने पिछले लोकसभा चुनाव में तीन सीटों पर और बिहार विधानसभा चुनाव में 12 सीटों पर चुनाव भी लड़ा. पिछले साल कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह दो दिन के लिए आजमगढ़ आए और संजरपुर जाकर लोगों से मिले. इन्होंने बटला कांड की न्यायिक जांच की मांग का समर्थन किया. दिल्ली की जामा मस्जिद के इमाम सैयद अहमद बुखारी भी संजरपुर के लोगों से मुलाकात कर चुके हैं.

रिपोर्ट: सुहेल वहीद

संपादनः वी कुमार

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