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गाउक राष्ट्रपति पद के इकलौते उम्मीदवार

२० फ़रवरी २०१२

जर्मनी की चांसलर अंगेला मैर्केल सहित दूसरी पार्टियों ने राष्ट्रपति पद के लिए योआखिम गाउक के नाम का प्रस्ताव रखा है. जर्मनी की वामपंथी पार्टी डी लिंके ने इस उम्मीदवारी का विरोध किया है. बाकी पार्टियां रजामंद.

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जोआखिम गाउक राष्ट्रपति पद के इकलौते उम्मीदवारतस्वीर: dapd

भ्रष्टाचार के मामले में घिरने के बाद क्रिस्टियान वुल्फ ने शुक्रवार को पद से इस्तीफा दे दिया था. वुल्फ योआखिम गाउक को हरा कर राष्ट्रपति बने थे.

अंगेला मैर्केल गाउक को पसंद करती हैं. उन्होंने लोकप्रिय पादरी रहे गाउक को 'लोकतंत्र का सच्चा टीचर' बताते हुए उनकी तारीफ की थी. उस समय के पूर्वी जर्मनी में पले बढ़े गाउक ने 1990 में जर्मनी के एकीकरण के बाद दोनों हिस्सों को साथ लाने के लिए बहुत काम किया है. रविवार को गठबंधन सरकार और दूसरी पार्टियों के साथ बैठक के बाद मैर्केल ने कहा, "वे हमारे समय और भविष्य की चुनौतियों को हल करने के लिए प्रेरणा बन सकते हैं."

राजनीति का फुटबॉल

2010 में योआखिम गाउक विपक्षी सोशल डेमोक्रैटिक पार्टी और ग्रीन पार्टी के उम्मीदवार थे. जबकि क्रिस्टियान वुल्फ मैर्केल की पार्टी के उम्मीदवार. हालांकि वुल्फ को सत्ताधारी पार्टी का पूरा समर्थन था पर तब भी तीसरे दौर के वोट के बाद ही उन्हें चुना जा सका.

वुल्फ के जाने के बाद मुख्य विपक्षी पार्टियों ने फिर गाउक का नाम आगे किया. लेकिन वामपंथी पार्टी डी लिंके ने उनके नाम को खारिज किया है. पार्टी ने कहा कि मार्च में राष्ट्रपति चुनाव में समर्थन नहीं देगी.

जर्मनी की रुढ़िवादी सीडीयू सीएसयू पार्टी शुरुआत में गाउक के नाम पर मोहर लगाने से हिचकिचा रही थी क्योंकि उसे छवि खराब होने का डर था. लेकिन कार्ल थियोडोर त्सू गुटेनबेर्ग के पीएचडी प्रकरण और क्रिस्टियान वुल्फ पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद सीडीयू की पहले ही किरकिरी हो गई थी. या तो वह कोई नया उम्मीदवारी लाती या फिर विपक्षी पार्टियों के प्रस्ताव को मान लेती. सीडीयू ने दूसरा विकल्प चुना जो की राजनैतिक हलचल को कम करने का अच्छा उपाय था.

वैसे तो योआखिम गाउक की जीत बहुमत के समर्थन के कारण तय है. लेकिन मतदान के बाद ही इसका फैसला होगा.

प्रतिनिधित्व

योआखिम गाउक ने अपनी उम्मीदवारी पर खुशी जताते हुए कहा,"यह मेरे लिए बहुत विशेष दिन है. हालांकि जीवन में मैंने और भी खास दिन देखे हैं." उन्होंने कहा कि उनके जैसे, भयावह युद्ध के समय पैदा होने वाले और 50 साल तानाशाही में गुजारने वाले एक व्यक्ति को राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार बनाए जाने पर वह खुश हैं.

Pressekonferenz im Bundeskanzleramt Bundespraesident
रविवार देर रात लगी मुहरतस्वीर: dapd

हालांकि गाउक किसी भी पार्टी के नहीं हैं और दो बार राजनीति के खेल का हिस्सा बन चुके हैं.

70 वर्षीय योआखिम गाउक पूर्वी जर्मनी में पादरी थे और नागरिक अधिकार कार्यकर्ता के रूप में वे दलीय राजनीति से ऊपर उठकर समाज के प्रतिनिधित्व की कोशिश करते रहे हैं. देश के एकीकरण के बाद पूर्वी जर्मन गुप्तचर संस्था के दस्तावेजों के रखरखाव व शोधकर्ताओं और पीड़ितों के लिए राहत मुहैया कराने की खातिर जो दफ्तर बनाया गया है, योआखिम गाउक उसके पहले प्रधान थे. इस दफ्तर का नाम ही गाउक दफ्तर हो चुका था. वे दो टुक तरीके से अपनी बात कहते हैं व एक साहसी, उदारवादी सार्वजनिक व्यक्तित्व के रूप में पार्टियों की सीमाओं से परे लोकप्रिय माने जाते हैं.

रिपोर्टः एएफपी/आभा एम

संपादनः एन रंजन

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