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ब्रिटेन ने अबू हमजा को अमेरिका भेजा

६ अक्टूबर २०१२

ब्रिटेन ने मौलवी अबू हमजा अल मसरी को आतंकवाद के आरोपों का सामना करने के लिए अमेरिका प्रत्यर्पित कर दिया है. प्रत्यर्पण के खिलाफ आठ साल से चल रही कानूनी जंग में कट्टरपंथी मौलवी की हार हुई है.

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ब्रिटेन पहले से ही इस प्रत्यर्पण को जितना जल्दी हो सके करने पर अमादा था. जजों का फैसला आने के कुछ ही घंटो बाद अबू हमजा को देश से बाहर भेज दिया गया. चार और संदिग्धों की भी प्रत्यर्पण के खिलाफ याचिका नामंजूर कर दी गई है और उन्हें भी दो अमेरिकी नागरिक विमानों में बिठा कर अमेरिका भेजा गया है. प्रत्यर्पण के इन पांच मामलों में यूरोपीय मानवाधिकार अदालत ने ब्रिटेन पर रोक लगाने से इनकार कर दिया और इसके तुरंत बाद ही ब्रिटिश हाई कोर्ट ने इन मामलों का निपटारा कर दिया.

Abu Hamsa al-Masri
तस्वीर: Getty Images

मिस्र में जन्मे अबू हमजा पर अमेरिका ने अल कायदा का समर्थन करने, यमन में अपरहण और अमेरिका में आतंकवादियों के लिए प्रशिक्षण शिविर बनाने और साजिश रचने का आरोप लगाया है. 54 साल के एक आंख वाले इस्लामी धार्मिक नेता पर अपने समर्थकों को इस्लाम में आस्था न रखने वालों को मारने के लिए भड़काने के आरोप में ब्रिटेन ने कैद कर लिया. 11 सितंबर को अमेरिका पर हुए हमले की तारीफ करके भी मौलवी अबू हमजा कुख्यात हुआ है. अबू हमजा उत्तरी लंदन में एक मस्जिद का प्रमुख है और ब्रिटेन का कहना है कि यहां इस्लामी कट्टरता को बढ़ावा दिया जाता है.

अबू हमजा को अति सुरक्षा वाली ब्रिटेन की जेल से बड़ी संख्या में पुलिस के घेरे में अमेरिकी एयरबेस पर ले जाया गया और उसे अमेरिकी अधिकारियों के हवाले कर दिया गया. यहां से अधिकारी अबू हमजा को विमान में बिठा कर अमेरिका ले गए. इससे पहले लंदन हाईकोर्ट के दो जजों ने प्रत्यर्पण में देरी करने की अबू हमजा की याचिका नामंजूर कर दी. अबू हमजा के वकीलों ने दलील दी थी कि पहले उसके दिमाग का एक टेस्ट कराया जाए. वकीलों का कहना है कि टेस्ट से साबित हो जाता कि उसकी दिमागी हालत प्रत्यर्पण के लिए उपयुक्त नहीं है. इस मांग को ठुकराते हुए जजों ने कहा, "जितना जल्दी उसकी सुनवाई शुरू हो उतना अच्छा है."

London Proteste Babar Ahmad und Abu Hamsa al-Masri
तस्वीर: Reuters

ब्रिटेन के गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा है, "यह उचित है कि जिन लोगों पर गंभीर आरोप हैं वह अमेरिका में न्याय का सामना करेंगे. हमने पहले ही योजना बना ली थी कि कोर्ट के फैसले के कुछ ही घंटो के भीतर इन लोगों को अमेरिका के हवाले कर दिया जाए." अमेरिका ने अबू हमजा के साथ ही खालिद अल फव्वाज, अब्देल अब्दुल बारी, बाबर अहमद और सैयद ताल्हा अहसान को अमेरिकी अदालतों में आतंकवाद के आरोपों का सामने करने के लिए अमेरिका प्रत्यर्पित करने की मांग की थी.

मामले की सुनवाई के दौरान 100 से ज्यादा लोग कोर्ट के बाहर नारे लिखी तख्तियां लेकर प्रदर्शन कर रहे थे. यह लोग प्रत्यर्पण रोकने की मांग कर रहे थे. पश्चिमी देशों के खिलाफ जहर उगलने वाले अबू हमजा के बारे में कहा जाता है कि उसने दुनिया के कई सबसे कुख्यात आतंकवादियों को प्रेरणा दी. इनमें जकारियास मुसावी भी है जिस पर 11 सितंबर के हमलों की साजिश रचने का आरोप है. अबू हमजा का असली नाम मुस्तफा कामिल मुस्तफा है और वह 1970 में इंजीनियरिंग के छात्र के रूप ब्रिटेन आया. यहां उसने एक ब्रिटिश महिला से शादी की और डिस्को के दरबान जैसे कुछ छोटे मोटे काम भी किया. अबू हमजा का कहना है कि उसने अपने दोनों हाथ और एक आंख अफगानिस्तान में 1980 में मानवीय सहायता के कामों में जुटे रहने के दौरान गंवा दी. हालांकि अधिकारियों का कहना है कि वह सोवियत यूनियन के खिलाफ मुजाहिदीन की तरफ से लड़ रहा था.

London Proteste Babar Ahmad und Abu Hamsa al-Masri
तस्वीर: Reuters

अमेरिका में वारंट निकलने के बाद ब्रिटेन में उसे कैद कर लिया गया और 2006 में ब्रिटेन की अदालत ने यहूदियों और दूसरे धर्म में आस्था रखने वालों को मारने के लिए भड़काने के आरोप में उसे सात साल कैद की सजा सुनाई. अबू हमजा को न्यूयॉर्क की फेडरल ज्यूरी ने अप्रैल 2004 में आरोपी बनाया. थउस पर 1998 में यमन में अपहरण की वारदातों में शामिल होने का आरोप लगा. इस अरहरण कांड में तीन ब्रिटिश और एक ऑस्ट्रेलियाई नागरिक समेत चार लोगों की हत्या कर दी गई थी. अबू हमजा पर अल कायदा को समर्थन देने का भी आरोप है. उसने अमेरिका के ओरेगॉन में आतंकवादियों के लिए प्रशिक्षण शिविर बनाए इसके साथ ही अफगानिस्तान में तालिबान के लिए समर्थन जुटाने के लिए भी काम किया.

एनआर/एएम (डीपीए, एएफपी)

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