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भारत में परमाणु सुरक्षा पर आंतरिक रिपोर्ट

१२ अप्रैल २०११

भारतीय परमाणु बिजली निगम (एनपीसीआईएल) ने भारत सरकार के आण्विक ऊर्जा विभाग को परमाणु सुरक्षा के बारे में आंतरिक रिपोर्ट सौंप दी है. जापान परमाणु संकट के मद्देनजर यह जांच की गई.

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तस्वीर: AP

भारत में परमाणु संयंत्रों में सुरक्षा की क्या स्थिति है, इस बारे में यह रिपोर्ट है. सुरक्षा मानकों की जांच करने के लिए चार विशेष दल बनाए गए ताकि उत्पादन कर रहे, बनाए जा रहे और प्रस्तावित परमाणु संयंत्रों में सुरक्षा उपायों की हर कोण से जांच की जा सके. एनपीसीआईएल के वित्तीय निदेशक जगदीप घई ने यह जानकारी दी.

घई ने बताया कि रिपोर्ट आण्विक ऊर्जा विभाग (डीईए) को दे दी गई है. आण्विक ऊर्जा आयोग के चेयरमैन श्रीकुमार बैनर्जी ने कहा, "यह बहुत ही तकनीकी आकलन रिपोर्ट है. हम इसे पढ़ेंगे और फिर आवश्यक होगा तो सुरक्षा मानकों को बेहतर करने के लिए जरूरी कदम उठाएंगे. हम आसान रिपोर्ट तैयार करेंगे और फिर इसे सार्वजनिक करेंगे."

विशेष दलों ने भारत के बॉयलिंग वॉटर रिएक्टर (तारापुर यूनिट 1 और 2), प्रेशराइज्ड हेवी वॉटर रिएक्टर (भारत में बने हुए और सीएएनडीयू प्रकार के), कुंडकुलम में बनाए जा रहे लाइट वॉटर रिएक्टर, सभी की जांच की है.

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भारत के परमाणु ऊर्जा संयंत्रों में सुरक्षा की जांच के लिए उच्च स्तरीय समिति का गठन किया था जिसके अध्यक्ष आण्विक ऊर्जा नियामक बोर्ड के पूर्व चेयरमैन एसके शर्मा हैं. वह जुलाई अंत में अंतरिम रिपोर्ट पेश करेंगे और फिर अंतिम रिपोर्ट देंगे. जापान के फुकुशिमा दायची परमाणु ऊर्जा संयंत्र में पैदा हुए संकट के बाद भारत के संयंत्रों की सुरक्षा जांच करने के आदेश दिए गए हैं.

रिपोर्टः एजेंसियां/आभा एम

संपादनः ए कुमार

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