गोवा रैकेट से दूर रहना चाहती है सीबीआई
२३ मार्च २०११अदालत में दायर शपथ पत्र में सीबीआई ने कहा कि हमारे पास जांच के लिए पर्याप्त लोग नहीं हैं और गोवा की स्थानीय भाषा भी एक अड़चन है. बॉम्बे हाई कोर्ट ने नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया ने एक याचिका दायर की है. याचिका में कहा गया है कि गोवा में पुलिस और ड्रग माफिया की साठगांठ है, इसकी केंद्रीय एजेंसी से जांच कराई जाए.
याचिका पर सुनवाई करते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट ने सीबीआई से इस संबंध में जवाब मांगा. मंगलवार को जवाब पेश करते हुए जांच एजेंसी ने कहा, ''अधिकारी स्थानीय भाषा और भौगोलिक परिस्थितियों से असहज हैं.'' भारत की सबसे ऊंची जांच एजेंसी मानी जाने वाली सीबीआई के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट और अन्य अदालतों से उसके पास कई केस पहले से ही आए हुए हैं. ऐसी परिस्थितियों में उसके पास पर्याप्त संख्या में लोग भी नहीं हैं.
बीते एक साल में दो ऐसे बड़े मामले सामने आ चुके हैं जब मीडिया ने गोवा पुलिस और ड्रग माफिया की साठगांठ का खुलासा किया है. गोवा की पुलिस और नेताओं पर ऐसे आरोप पहली बार नहीं लग रहे हैं. 2008 में ब्रिटिश किशोरी स्कारलेट की हत्या के समय भी पुलिस और नेताओं की माफियाओं से साठगांठ के खेल सामने आया था.
यह बातें जानने के बावजूद सीबीआई ने अदालत में दलील दी है कि साठगांठ की जांच गोवा पुलिस से ही कराई जाएं, क्योंकि वो स्थानीय भाषा भी जानती है और इलाके को भी. अब देखना है कि अदालत सीबीआई के इस तर्क को मानती है या नहीं.
रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह
संपादन: आभा एम