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'ज्यादा उम्मीद नहीं रखें'

१८ फ़रवरी २०१४

ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर अड़ी बातचीत एक बार फिर वियना में शुरू हुई है. इरादा एक व्यापक परमाणु समझौता है, लेकिन समझौता कैसा हो इस पर मतभेद बने हुए हैं.

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तस्वीर: picture-alliance/dpa

ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जावेद जरीफ ने कहा है, "आखिरी दौर के बाद यह पहला कदम है इसलिए उम्मीदें बहुत ज्यादा नहीं रखें." जरीफ के साथ हो रही बातचीत में यूरोपीय संघ की विदेश नीति प्रभारी कैथरीन ऐश्टन के अलावा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों और जर्मनी के प्रतिनिधि शामिल हैं.

जेनेवा में नवंबर में हुए अंतरिम समझौते के आधार पर ही बातचीत आगे बढ़ाई जा रही है और कोशिश की जा रही है कि ईरान के परमाणु कार्यक्रम इतनी लगाम लगाई जाए कि वह इससे परमाणु हथियार नहीं बना सके. दोनों पक्ष लंबी समय सीमा का खाका बना रहे हैं जिसमें ईरान यूरेनियम संवर्धन को कम करेगा और यूरेनियम का भंडार कम करेगा. इसके अलावा वह अपने प्लूटोनियम बनाने वाले अराक रिएक्टर के बारे में शंकाएं खत्म करेगा.

इसके जवाब में ब्रिटेन, चीन, फ्रांस, रूस, अमेरिका और जर्मनी ईरान पर लगे सभी प्रतिबंध पूरी तरह से हटा देंगे. इसमें ईरान से तेल निर्यात पर लगी रोक भी शामिल है. दोनों ही पक्षों को अभी इस मुद्दे पर मतभेद खत्म करना है कि क्या समझौते में ईरान अपने परमाणु संयंत्र को बंद कर देगा.

दुनिया के कई देश मानते रहे हैं कि ईरान प्लूटोनियम और यूरेनियम के इस्तेमाल से परमाणु बम बना सकता है लेकिन तेहरान हमेशा से इनका खंडन करते हुए दावा कर रहा है कि वह सिर्फ असैनिक लक्ष्यों के लिए इनका इस्तेमाल करता है.

दूसरे भागीदारों की ही तरह जरीफ ने जोर दिया है कि इस हफ्ते की बातचीत का एजेंडा आने वाली वार्ताओं के लिए एक खाका और टाइमटेबल बनाना है, जिसमें छह महीने लगेंगे. जरीफ ने कहा कि "क्रियान्वयन में दो और दौर लगेंगे."

बातचीत शुरू होने से पहले ईरान के सर्वोच्च धार्मिक नेता अयातोल्लाह अली खमेनेई ने कहा कि वे वैसे तो बातचीत के विरोधी नहीं हैं लेकिन उन्हें बहुत ज्यादा उम्मीद नहीं है. उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि ये बातचीत कहीं नहीं पहुंचेगी.

24 नवंबर को जेनेवा में हुई बातचीत में सात देशों के विदेश मंत्रियों ने एक डील की थी जिसकी काफी तारीफ हुई थी. ये समझौता 20 जनवरी से लागू होना है इसके तहत ईरान ने कुछ परमाणु गतिविधियां कम करने का वादा किया था और बदले में ईरान पर लगे प्रतिबंधों में राहत और नई रोक नहीं लगाने का वादा था.

एएम/एमजे (एएफपी, रॉयटर्स)

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