1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

'राजनीति की नई सुबह' के लिए भारी मतदान

१६ अप्रैल २०११

राष्ट्रपति पद के लिए हुए मतदान में नाइजीरिया के लोगों ने भारी उत्साह से हिस्सा लिया और ऐसा लगा कि पूरा देश इतिहास बदलने की इस कवायद में अपना नाम दर्ज कराना चाहता है. पिछले दो दशक में नाइजीरिया में चुनाव विवादों भरे रहे.

https://p.dw.com/p/10ulg
तस्वीर: DW/Thomas Moesch

अफ्रीका के सबसे अधिक जनसंख्या वाले देश में शनिवार को करीब दो दशक बाद सबसे साफ सुथरे चुनाव हुए. आमतौर पर मतदान शांतिपूर्ण रहा. हालांकि उत्तर पूर्वी शहर माइदुगुरी में शुक्रवार शाम और शनिवार सुबह धमाके हुए लेकिन किसी की जान जाने की खबर नहीं है. यहां पिछले हफ्ते भी संसदीय चुनावों के दौरान धमाके हुए थे.

Parlamentswahl 2011 in Kano State Nigeria
तस्वीर: DW

कुछ इलाकों में तो मतदान केंद्र वक्त से पहले ही खोल दिए गए क्योंकि वहां सुबह सुबह ही लोगों की लंबी कतारें लग गई थीं.

गुडलक जोनाथन सबसे मजबूत

इन चुनावों में संभावनाएं मौजूदा राष्ट्रपति गुडलक जोनाथन के साथ हैं. उन्होंने अपने गृह राज्य बाएल्सा में वोट डाला. उन्होंने कहा कि वह मतदान में दखलअंदाजी न करने का अपना वादा पूरा कर रहे हैं. जोनाथन ने कहा, "नाइजीरिया सच्चे लोकतंत्र का स्वाद चख रहा है, जहां हम राजनीतिज्ञों को लोगों के पास जाना पड़ता है. लोगों ने जबरदस्त दिलचस्पी दिखाई है इसलिए आप कह सकते हैं कि यह हमारे राजनीतिक विकास की एक नई सुबह है."

राजधानी अबुजा में भी भारी तादाद में वोटर वोट डालने आए और वे आमतौर पर संतुष्ट दिखे. 46 साल के एक व्यापारी एगोसा ओसगुओना ने कहा, "अब कोई धांधली नहीं हो रही है. ज्यादा से ज्यादा लोगों को अपने अधिकारों का पता चल रहा है."

Parlamentswahl 2011 in Kano State Nigeria
तस्वीर: DW

बुहारी की शिकायत

राष्ट्रपति जोनाथन ने बार बार स्वच्छ चुनाव कराने की बात कह कर अपनी छवि को बड़ा फायदा पहुंचाया है. उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती पूर्व सैन्य शासक मुहम्मदु बुहारी हैं जिन्हें देश के उत्तरी हिस्से में बडा़ समर्थन हासिल है. 1980 के दौरान उनकी सत्ता पर मानवाधिकार उल्लंघन के आरोप लगे थे.

जब वह वोट डालने के लिए उत्तरी शहर दाऊरा में मतदान केंद्र पर पहुंचे तो लोगों ने नारे लगाकर उनका स्वागत किया.

बुहारी ने घपलेबाजी के आरोप लगाए. उन्होंने कहा, "हमें अब भी चुनावी घपलेबाजी की खबरें मिल रही हैं. लोग शिकायतें दर्ज कराने दफ्तरों में जा रहे हैं."

रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार

संपादनः ईशा भाटिया

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी

और रिपोर्टें देखें